विश्वास का सवाल है
प्रश्न यह है कि अगर किसी पार्टी ने अपना संविधान बदल दिया हो, तो पुराना संविधान किसी फैसले का आधार कैसे हो सकता है? यह विवाद का मुद्दा है। इसका अप्रिय पक्ष यह है कि इससे स्पीकर के पद पर विवाद गहराया है। महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने वही फैसला दिया, जिसका शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से पहले से अनुमान लगाया जा रहा था। इस गुट ने एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट जाने का इरादा जता दिया था। फैसला आने के बाद पार्टी ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया और एलान किया कि वह इसे सुप्रीम...