DU professor

  • मूलभूत सिद्धांत की पुष्टि

    कोर्ट ने कहा कि कम्युनिस्ट या माओवादी साहित्य लिखना, या इंटरनेट से ऐसी सामग्रियों को डाउनलोड करना अपराध नहीं है। मुकदमा चलाने के लिए ऐसा ठोस सूबत होना अनिवार्य है कि संबंधित व्यक्ति हिंसा या आतंकवाद की गतिविधि में सक्रिय रूप से शामिल हुआ। बॉम्बे हाई कोर्ट ने भारतीय संविधान के तहत नागरिकों को मिले अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार की फिर पुष्टि की है। हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने इसी बुनियादी सिद्धांत के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को यूएपीए के तहत दर्ज मामले से बरी किया है। स्पष्टतः कोर्ट ने किसी नए सिद्धांत की...