Employment

  • ये जो रोजगार है

    गिग वर्कर्स में 97.6 प्रतिशत की सालाना आय पांच लाख रुपये से कम है। 77.6 फीसदी तो सालाना ढाई लाख से भी कम कमाते हैं। अब इस काम को रोजगार माना जा रहा है, तो यह अर्थव्यवस्था की दुर्दशा ही बताता है। भारत में पिछले अनेक वर्षों से जिस काम की चर्चा के साथ रोजगार पैदा होने का खूब ढिंढोरा पीटा गया है, उसकी असलियत क्या है, उस पर एक ताजा अध्ययन रिपोर्ट से रोशनी पड़ी है। काम का यह क्षेत्र गिग वर्कर्स का है। गिग वर्कर्स की परिभाषा नीति आयोग ने उन रोजगारशुदा व्यक्तियों के रूप में की है,...

  • यकीन है, उम्मीद है!

    जिन योजनाओं को 2024-25 के बजट में शामिल किया गया है, उनके बारे में इसको लेकर कोई अस्पष्टता नहीं होना चाहिए कि इनके शुरुआत का वर्ष कौन-सा होगा। तो फिर रोजगार संबंधी योजनाओं पर वित्त सचिव के यकीन और उम्मीद का क्या अर्थ है? वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने एक मीडिया इंटरव्यू में भरोसा जताया है कि केंद्रीय बजट में घोषित रोजगार और कौशल प्रशिक्षण की योजनाएं इसी वित्त वर्ष में शुरू हो जाएंगी। इनमें एक करोड़ नौजवानों को टॉप 500 कंपनियों में ट्रेनिंग देने की योजना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस योजना का डिजाइन उद्योग जगत के...

  • बिगड़ती हालत की तस्वीर

    एनएसएसओ की गैर कंपनी यानी अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार की स्थिति के बारे में सर्वे रिपोर्ट आई है। उस रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 से 2022-23 के बीच इस क्षेत्र में 13 राज्यों में रोजगार प्राप्त मजदूरों की संख्या गिरी। भारत के रोजगार की हालत खराब है, लेकिन यह बदहाली सिर्फ औपचारिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। अनौपचारिक क्षेत्र में हालत बदतर है। चूंकि यह तथ्य नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के सर्वेक्षण से सामने आया है और इसलिए सरकार इससे इनकार नहीं कर सकती। जैसाकि भारत सरकार ने सिटीग्रुप रिसर्च की एक अध्ययन रिपोर्ट के मामले में किया है।...

  • सिकुड़ती सामाजिक सुरक्षाएं

    जिस दौर में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सेवाओं का लगातार निजीकरण होता गया हो- यानी जब ये सेवाएं मुनाफा प्रेरित सेवाओं में तब्दील हो गई हों और परिवहन लगातार महंगा होता जा रहा हो, सामाजिक सुरक्षाओं का सिकुड़ना गंभीर चिंता का पहलू है। भारत सरकार के पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) से सामने आया यह आंकड़ा चिंताजनक है कि देश की श्रमशक्ति में 2022-23 में सिर्फ 21 प्रतिशत ऐसे कर्मचारी थे, जिन्हें नियमित तनख्वाह मिलती हो। 2019-20 में यह संख्या 23 प्रतिशत थी। यानी तीन साल में स्थायी नौकरी वाले कर्मचारियों की संख्या दो प्रतिशत गिर गई। इस सर्वे से...

  • रोजगारः आंकड़ों का सच

    महामारी के दौरान स्वरोजगार की संख्या क्यों बढ़ी और नियमित वेतन वाले रोजगार की संख्या क्यों घटी? और इस अनुपात का आज भी उसी रूप में बने रहना क्या बताता है? अप्रिय आंकड़ों को कैसे चमकदार बना कर पेश किया जा सकता है, उसे समझना हो, तो पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) की ताजा सर्वे रिपोर्ट पर गौर करना चाहिए। यह रिपोर्ट इस वर्ष जून और जुलाई महीनों के बारे में है। राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान की तरफ से जारी इस रिपोर्ट के आधार पर अखबारों ने सुर्खियां बनाई हैं कि इन दो महीनों में देश में बेरोजगारी की दर गिरी।...

  • सेवा क्षेत्र तीन माह के निचले स्तर पर

    Service Sector:- भारत में सेवा क्षेत्र की वृद्धि जून में सुस्त पड़कर तीन माह के निचले स्तर पर आ गई है। एक मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह जानकारी दी गई है। हालांकि, भारतीय सेवाप्रदाता लगातार सकारात्मक मांग के रुझान का संकेत दे रहे हैं, जिससे नए कारोबार की मात्रा और रोजगार सृजन में वृद्धि हुई है। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक जून में घटकर 58.5 पर आ गया। मार्च में यह 61.2 पर था। सेवा पीएमआई का सूचकांक लगातार 23वें महीने 50 से ऊपर बना हुआ है। पीएमआई की भाषा में 50...

  • मोदी सरकार में 1.25 करोड़ नए रोजगारः श्रम मंत्री

    Employment :- केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में पिछले नौ वर्षों में रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि देखी गई है और इस दौरान लगभग 1.25 करोड़ नए रोजगार पैदा हुए हैं। अपने मंत्रालय की तरफ से किए गए कई संस्थान-आधारित श्रम सर्वेक्षणों का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि वर्ष 2014 से 2022 के बीच करीब 1.25 करोड़ नए रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले नौ साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह दावा किया। उन्होंने...

  • पीएसयू में दो लाख नौकरियां खत्मः राहुल गांधी

    PSU jobs :- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को दावा किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में दो लाख से अधिक नौकरियों को ‘खत्म कर’ दिया गया है। राहुल ने आरोप लगाया कि सरकार अपने कुछ ‘पूंजीपति मित्रों’ के फायदे के लिए लाखों युवाओं की उम्मीदें कुचल रही है। उन्होंने कहा कि पीएसयू भारत का गौरव और रोजगार के लिए हर युवा का सपना हुआ करते थे, लेकिन आज वे ‘सरकार की प्राथमिकता नहीं हैं।’ राहुल ने ट्वीट किया, देश के पीएसयू में नौकरियां 2014 में 16.9 लाख से कम होकर 2022 में मात्र 14.6 लाख रह...

  • पीएम मोदी ने मध्यम वर्ग के सपने पूरे किए: शाह

    Amit Shah :- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले नौ साल में नए शैक्षणिक संस्थान खोलकर, रियायती दरों पर घर मुहैया कराकर और लाखों रोजगार सृजित करके मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा किया है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल में मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति तेजी से बेहतर हुई है। श्री शाह ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने नौ वर्ष के काल में मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने का सशक्त आधार रखा है। चाहे बच्चों के लिए उत्कृष्ट व नए शैक्षणिक...

  • मई में मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार बढ़ा

    Economy in May: देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां मई, 2023 में और बढ़कर 31 माह के उच्चस्तर पर पहुंच गई हैं। एक मासिक सर्वे में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई। सर्वे में कहा गया है कि नए ऑर्डर बढ़ने, अनुकूल बाजार परिस्थितियों की वजह से समीक्षाधीन महीने में रोजगार के भी अधिक अवसर पैदा हुए हैं। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (Manufacturing Purchasing Managers Index) (पीएमआई) (PMI) अप्रैल के 57.2 से बढ़कर मई में 58.7 हो गया। यह क्षेत्र की सेहत में अक्टूबर, 2020 के बाद सबसे मजबूत सुधार है। मई...

  • रोजगार के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायकों का प्रदर्शन

    रांची। झारखंड विधानसभा (Jharkhand Legislative Assembly) के बजट सत्र (budget session) के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के विधायकों ने राज्य में नियोजन नीति लागू करने की मांग को लेकर विधानसभा के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। उन्होंने काफी देर तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार नहीं देना चाहती है इसलिए लगातार डोमिसाइल और नियोजन नीति को लटका रही है। भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि हर वर्ष पांच लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कह सत्ता में...

  • रोजगार और आर्थिक स्थिरता पर केंद्रित बजट

    नई दिल्ली। वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2023-24 (financial year 2023-24) के केंद्रीय बजट (Union Budget) को अमृतकाल का पहला बजट करार देते हुए आज कहा कि यह नागरिकों को बेहतरी के अवसर उपलब्ध कराने, रोजगार (employment) सृजित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) को स्थिरता देने के लिए हैं। श्रीमती सीतारमण ने बुधवार को संसद में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुए कहा कि आर्थिक एजेंडे के केंद्र में नागरिकों को विकास और बेहतरी के अवसर उपलब्ध कराना, अर्थव्यव्यवस्था के विकास को सुदृढ़ बल देना और रोजगार सृजित करना और...

  • ससंद का बजट सत्र होगा हंगामेदार

    नई दिल्ली। संसद (Parliament) के 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र (budget session) में सरकार की नजर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट आदि पर सुचारू रूप से चर्चा कराने पर रहेगी लेकिन महंगाई, रोजगार, चीन के साथ सीमा विवाद, अर्थव्यवस्था, सेंसरशिप सहित अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हमलावर रुख को देखते हुए बजट सत्र के हंगामेदार होने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में सरकार ने बजट सत्र से पहले विभिन्न विषयों पर आम राय बनाने के लिये 30 जनवरी को राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं...

  • रोजगार पर गहरी मार

    विकल्प यही है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को इस रूप में खड़ा करे, जिससे सर्विस एक्सपोर्ट पर इसकी निर्भरता घटे। साथ ही देश के अंदर रिसर्च एंड डेवलपमेंट के साथ-साथ आधुनिक उद्योग धंधों का जाल भी बिछे। यह खबर सचमुच परेशान करने वाली है कि अमेरिका में बड़ी टेक कंपनियों में जा रही नौकरियों का सबसे बड़ा शिकार वहां रहने वाले भारतीय हुए हैँ। वैसे, ये बात तार्किक भी है कि इस उद्योग में जिस देश के लोगों की सबसे ज्यादा भागीदारी है, जब संकट आएगा, तो सबसे ज्यादा मार भी उन पर ही पड़ेगी। बहरहाल, एक रिपोर्ट में बताया...

  • टीएसएससी 1.25 लाख युवाओं को नौकरी दिलाएगी

    नई दिल्ली। दूरसंचार के लिए कौशल विकास संस्थान टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल (Telecom Sector Skill Council) (टीएसएससी-TSSC) ने 1.25 लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाने और देश में 50 नये प्रशिक्षण लैब शुरू करने की घोषणा की है। टीएसएससी के 10 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की गयी। भारत में इस वर्ष 5जी को लाँच करने में तेजी आने के साथ कुशल कार्यबल इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। इस मांग को पूरा करने के लिए टीएसएससी ने एक लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने और टेलको रोजगार जैसी अपनी...

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