मैक्रों ने चला अटल का दांव
इमैनुएल मैक्रों को एक जीत की दरकार थी, और गेब्रियल अटल को प्रधानमंत्री नियुक्त कर उन्होंने वह जीत हासिल कर ली है। मैक्रों का दूसरा कार्यकाल उथलपुथल भरा रहा है। उन्हें अलोकप्रियता और जनता की अस्वीकृति का सामना करना पड़ाहै। जनता में पेंशन संबंधी सुधारों, जिनके जरिए रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ा कर 64 साल की गई, और दक्षिणपंथियों को खुश करने के लिए प्रस्तावित कठोर आप्रवासी कानूनों को लेकर नाराजगी थी। इसलिए इमैनुएल मैक्रों की छवि एक ऐसे राष्ट्रपति की बन गई जिसने उसे उपलब्ध मौके खो दिए। यह युवा नेता जब सत्ता में आया था, तब वह...