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चुनाव के चलते छोटी बचतों पर ब्याज दर घटाने का आदेश 24 घंटे में वापिस। कहा गलती में हुआ आदेश।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यास बोर्ड ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में अंशधारकों की जमा राशि पर वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 8.50 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करने की सिफारिश की है।
अभी देश की अर्थव्यवस्था में भले तेजी नहीं लौटी है पर वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी की वसूली में तेजी लौट आई है। फरवरी के महीने में लगातार पांचवें महीने सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जीएसटी मिली है
कम से कम सात भारतीय कंपनियों ने प्री-बिडिंग स्टेज में महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) कॉरिडोर के लिए समुद्र के नीचे सुरंग के निर्माण में रुचि दिखाई है।
केंद्र सरकार के नये कृषि कानून पर गतिरोध समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन कानून के अमल को फिलहाल टालने को लेकर हो रही चर्चा में किसान संगठनों की दिलचस्पी दिख रही है।
देश के सभी अखबारों में और खास कर कारोबारी अखबारों में यह खबर प्रमुखता से छपी है कि केंद्र सरकार ने जीएसटी के बकाया मद में 42 हजार करोड़ रुपए राज्यों को जारी किया।
उच्चतम न्यायालय ने लोन मोरेटोरियम अवधि के ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने की मांग को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई को गुरुवार 19 नवंबर तक के लिए टाल दिया है।
कोरोना वायरस की महामारी रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की अवधि में जिन लोगों ने भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई की ओर से घोषित मोराटोरियम यानी कर्ज की किस्तें चुकाने से मिली छूट का फायदा नहीं उठाया है उनको भी इसका लाभ दिया जाएगा
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि वह मोराटोरियम की अवधि में ब्याज के ऊपर ब्याज माफ कर सकती है। यानी इस साल मार्च से लेकर 31 अगस्त तक जिन लोगों ने कर्ज की किस्तें नहीं चुकाई हैं उनको ब्याज के ऊपर ब्याज नहीं चुकाना होगा।
सरकार की तरफ से हजारों की संख्या में लोगों और एमएसएमई लोन लेने वालों के लिए एक राहत की खबर का ऐलान किया गया है। केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में
कोरोना वायरस की वजह से कर्ज की किस्तें चुकाने से मिली छूट की अवधि में ब्याज के ऊपर ब्याज वसूलने के मामले में केंद्र सरकार दो-तीन दिन में फैसला करेगी। केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस बारे में जल्दी ही फैसला किया जाना है
सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज की किस्तें चुकान से छूट यानी लोन पर मोराटोरियम की अवधि 28 सितंबर तक बढ़ा दी है। साथ ही केंद्र सरकार को इस मामले में फैसला करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है।
कोरोना वायरस की महामारी का असर कर्मचारी भविष्य निधि, ईपीएफ के ब्याज पर पड़ता दिख रहा है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, ईपीएफओ ने फैसला किया है अभी ईपीएफ खातों में ब्याज का आंशिक भुगतान ही किया जएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज की किस्तें चुकाने से लोगों को दी गई छूट को बढ़ाने के लिए दायर की गई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा है कि जिन लोगों के खाते 31 अगस्त तक एनपीए नहीं घोषित किए गए हैं उनके खिलाफ अगले आदेश तक कोई कार्रवाई न किया जाए।
केंद्र सरकार ने कर्ज की किस्तें चुकाने के लिए दिए गए छह महीने की मोराटोरियम अवधि का ब्याज माफ करने से साफ इनकार कर दिया है। सॉलिसीटर जनरल ने गुरुवार को अदालत में कहा कि ब्याज में छूट नहीं दे सकते हैं