kolkata High Court

  • जज उपदेश देने से बचे: सुप्रीम कोर्ट

    नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नाबालिग लड़की से शादी के बाद एक बच्ची का पिता बने एक व्यक्ति को इस मामले में निचली अदालत की सजा कलकत्ता उच्च न्यायालय की ओर से रद्द करने के साथ की गई टिप्पणी को शुक्रवार को प्रथम दृष्टया ‘अत्यधिक आपत्तिजनक और पूरी तरह से अनुचित’ करार दिया। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने उच्च न्यायालय के 18 अक्टूबर 2023 के एक फैसले को ‘अत्यधिक आपत्तिजनक, पूरी तरह से अनुचित और संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन’ मानते हुए कहा कि न्यायाधीशों को ऐसे मामलों से निपटने में ‘उपदेश देने और...