बिगड़ती जा रही बात
लद्दाख में असंतोष गहराना भारत के लिए नई चुनौतियां पैदा कर सकता है। भारत सरकार को वहां वैसा एकतरफा रुख नहीं अपनाना चाहिए, जैसा वह अन्य जन समूहों के आंदोलनों के समय अपनाती रही है। उसे लद्दाख की बात सुननी चाहिए। लद्दाख के संगठन- एपेक्स बॉडी लेह (एबीएल) का केंद्र के साथ बातचीत से हटना इस केंद्र शासित प्रदेश में स्थितियों के उलझने का संकेत है। एबीएल के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लाकरुक ने कहा- ‘हमें राष्ट्र विरोधी कहना हमारी देशभक्ति पर कलंक है। हम बंदूक की नोक पर बातचीत नहीं कर सकते।’ एबीएल ने अगली बातचीत से पहले राष्ट्र-विरोधी का...