Ladakh violence

  • बिगड़ती जा रही बात

    लद्दाख में असंतोष गहराना भारत के लिए नई चुनौतियां पैदा कर सकता है। भारत सरकार को वहां वैसा एकतरफा रुख नहीं अपनाना चाहिए, जैसा वह अन्य जन समूहों के आंदोलनों के समय अपनाती रही है। उसे लद्दाख की बात सुननी चाहिए। लद्दाख के संगठन- एपेक्स बॉडी लेह (एबीएल) का केंद्र के साथ बातचीत से हटना इस केंद्र शासित प्रदेश में स्थितियों के उलझने का संकेत है। एबीएल के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लाकरुक ने कहा- ‘हमें राष्ट्र विरोधी कहना हमारी देशभक्ति पर कलंक है। हम बंदूक की नोक पर बातचीत नहीं कर सकते।’ एबीएल ने अगली बातचीत से पहले राष्ट्र-विरोधी का...

  • लद्दाख में भड़की हिंसा की आग

    लद्दाख। नेपाल की तरह भारत के लद्दाख में ‘जेन जी’ यानी छात्र और युवा सड़कों पर उतरे और हिंसक प्रदर्शन किया। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करने उतरे युवाओं की भीड़ अचानक हिंसक हो गई और उसने इस सर्द प्रदेश में हिंसा की आग भड़का दी। छात्रों ने लेह में बुधवार को हिंसक प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों की पुलिस और सुरक्षा बलों से झड़प हो गई। इसमें चार लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हैं। हिंसक प्रदर्शन के बाद सोनम वांगचुक ने अपना अनशन...