Manipur voilence

  • नया चुनाव ही रास्ता

    अब बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया है, तो उचित रास्ता तुरंत विधानसभा भंग कर मणिपुर में नया चुनाव कराना होगा। इस बीच किए गए किसी शासन इंतजाम से प्रदेश में सामान्य स्थिति बहाल होने की आशा न्यूनतम ही रहेगी। आखिरकार भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को हटाने पर राजी हुआ। मगर जिन हालात में सिंह ने इस्तीफा दिया, उससे किसी नई, सद्भावपूर्ण पहल की तुरंत उम्मीद पैदा नहीं हुई है। वजह यह कि ये कदम तब उठाया गया, जब राज्य में सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) में बीरेन सिंह के खिलाफ...

  • कुकी व मैती समूहों के बीच चार दिन से गोलीबारी

    इम्फाल। मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से चल रही हिंसा नए सिरे से भड़क गई है और अब कुकी व मैती समूह एक दूसरे के खिलाफ भारी हथियारों से फायरिंग कर रहे हैं। खबर है कि इम्फाल पूर्व और कांगपोकली जिलों में पिछले चार दिन से कुकी और मैती समूहों के बीच गोलीबारी हो रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक मोर्टार से भी गोले दागे गए हैं। ताजा हिंसा में सनसाबी इलाके में उग्रवादियों से मुठभेड़ में पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया है कि घायल पुलिसकर्मी का नाम के हरिदास है। उसके बाएं...

  • खड़गे और राहुल ने किया हमला

    नई दिल्ली। मणिपुर में फिर से हिंसा भड़कने और पूरे राज्य में हिंसक प्रदर्शन तेज होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा और केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। खड़गे ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा- मणिपुर में आपकी डबल इंजन सरकार है। ना मणिपुर एक है, ना मणिपुर सेफ है। मई 2023 से यह अकल्पनीय दर्द, विभाजन और बढ़ती हिंसा से गुजर रहा है, जिसने इसके लोगों का भविष्य नष्ट कर दिया है। खड़गे ने आगे कहा- भाजपा चाहती है कि मणिपुर जले। वह नफरत और बांटने वाली राजनीति...

  • क्या मणिपुर बेकाबू है?

    Manipur voilence: अफसोसनाक है कि इतनी लंबी अवधि में मणिपुर के सुलगते हालात को संभालने की कोई गंभीर कोशिश नहीं हुई है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और उनकी सरकार की तमाम नाकामियों के बावजूद उन्हें केंद्र का संरक्षण मिला रहा है। also read: विक्की कौशल की नई फिल्म महाअवतार का हुआ ऐलान क्या इस राज्य पर किसी का नियंत्रण नहीं मणिपुर में हफ्ते भर के अंदर जैसी हिंसा हुई है, उनसे यह सहज सवाल उठता है कि क्या इस राज्य पर किसी का नियंत्रण नहीं है? वारदात ने जैसा मोड़ लिया है, उससे भविष्य के लिए गहरी आशंकाएं पैदा होती हैं।...