फिर एक नई नीति!
जब तक मैन्युफैक्चरिंग का समग्र ढांचा नहीं बनता, ऊपर से लागू योजनाओं को सीमित कामयाबी ही मिल सकती है। मैन्युफैक्चरिंग का व्यापक ढांचा बनने के लिए फूलते-फलते एमएसएमई सेक्टर की जरूरत है, जबकि इसी क्षेत्र की कमर टूटी हुई है। खबर है कि सरकार नई मैन्युफैक्चरिंग नीति घोषित करने वाली है। यह स्वीकारोक्ति है कि पहले घोषित नीतियां अपने लक्ष्य हासिल नहीं कर सकीं। उनमें बहु-प्रचारित मेक इन इंडिया और प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) स्कीम भी शामिल हैं। एक अखबार ने सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि नई नीति का मुख्य लक्ष्य रोजगार पैदा करना होगा। इसके जरिए...