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  • भीड़ के लिए क्या जिंदगी, ‘मृत्यु’ और ‘मोक्ष’!

    कोई कितनी ही कोशिश करे, भारत की भीड़ को दुनिया से कनेक्ट करे, क्योटो और काशी में करार कराए, काशी को कितना ही आधुनिक बनाए, सब मिथ्या। काशी और कौम का अक्खड़ निर्गुणी सत्य एक ही था, है और रहेगा कि राम नाम सत्य है, मुर्दा साला मस्त है!... कबीरदास खेला और खिलाड़ी की बात तो तब कर सकते थे जब काशी की गलियों में जिंदादिली मिलती! ... तभी मुझे काशी को क्योटो से जोड़ने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुगाड़ पर हंसी आई। काशी का भला क्योटो से क्या लेना! काशी के लिए याकि हिंदुओं के लिए संभव ही...