मौका पर खत्म एमएसएमई धंधे
भारत का कपड़ा क्षेत्र भी लाभ उठाने की स्थिति है। पड़ोसी देशों के मुकाबले कम शुल्क की वजह से देश के परिधान और वस्त्र क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। वियतनाम, बांग्लादेश, कंबोडिया, पाकिस्तान और चीन जैसे प्रतिस्पर्धी कपड़ा निर्यातक देशों को काफी अधिक शुल्क का सामना करना पड़ा है। अब भी अमेरिका भारतीय वस्त्रों का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का कपड़ा निर्यात करीब 36 अरब डॉलर था, जिसमें से अमेरिका का हिस्सा कररीब 28 फीसदी यानी 10 अरब डॉलर था। भारत के घरेलू स्टील उद्योग को राहत मिली है...