मुलायम सिंह यादव को संघ की श्रद्धांजलि, क्यों?
आरएसएस की राष्ट्रीय बैठक में दिवंगत मुलायम सिंह यादव आदि को श्रद्धांजलि देना, श्रीराम द्वारा प्रदत्त परंपराओं का ही अनुसरण है। जब विभिषण अपने भाई रावण के किए पर लज्जित होकर उसके शव का अंतिम संस्कार करने में संकोच करते है, तब श्रीराम कहते है, "मरणान्तानि वैराणि निर्वृत्तं न: प्रयोजनम्। क्रियतामस्य संस्कारो ममाप्येष यथा तव।।" अर्थात्— बैर जीवनकाल तक रहता है। मृत्यु पश्चात उस बैर का अंत हो जाता है। हरियाणा के समालखा में 14 मार्च को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय बैठक हुई। यूं तो इससे संबंधित कई विषय सार्वजनिक विमर्श में रहे। किंतु बीते वर्ष जिन राजनीतिक...