एक और रण क्षेत्र
मौजूदा हालात में सरकारी नीतियों से प्रभावित किसी तबके लिए संघर्ष करना या अपनी मांगें मनवाना आसान नहीं रह गया है। इसलिए चार श्रम संहिताओं के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का संघर्ष भी बहुत प्रभाव छोड़ पाएगा, इसकी संभावना कम है। संसद से पारित होने के बाद चार श्रम संहिताओं को लागू करने में सरकार को लगभग छह साल लगे, तो उसका यही संकेत है कि इनको लेकर संबंधित पक्षों के बीच कैसे टकराव की स्थिति रही है। सत्ता पक्ष की हालिया चुनावी सफलताओं के बाद संभवतः केंद्र ने महसूस किया है कि इन संहिताओं को लागू करने का यह अनुकूल...