पुरानी दुविधाः धर्म या जाति!
भारतीय जनता पार्टी के सामने यह बड़ी दुविधा है कि वह धर्म और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति पर आगे बढ़े या जाति के दांव से चुनाव जीतने का अभियान जारी रखे। ऐसा इसलिए है क्योंकि उसका धर्म का कार्ड और सांप्रदायिक विभाजन का नैरेटिव सफल नहीं हो पा रहा है, जबकि दूसरी ओर जाति का कार्ड बहुत कारगर हो रहा है। ध्यान रहे पिछले साल लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले अयोध्या में भव्य राममंदिर के उद्घाटन का भव्य कार्यक्रम तय किया गया। मंदिर पूरी तरह से बन कर तैयार नहीं हुआ था, अब भी पूरी तरह से तैयार...