सोचें धरना से आगे
किसान मोर्चा गुट विचारे करे, तो उसे अहसास होगा कि संघर्ष का उसका तरीका आरंभ से ही समस्या-ग्रस्त था। इसके जरिए 2020-21 के प्रतिरोध की सफलता को दोहराने की उम्मीद जोड़ी गई थी। मगर, एक जैसा तरीका बार-बार कारगर नहीं होता। शंभू बॉर्डर पर 13 महीनों से मोर्चा जमाए किसानों को पंजाब पुलिस ने जबरन हटा दिया। वहां बने मंच और उनके अन्य अस्थायी निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। प्रमुख नेताओं सहित सैकड़ों किसानों को हिरासत में लिया गया है। पंजाब में जगह-जगह आंदोलन में सक्रिय किसानों के यहां दबिश दी जा रही है। वैसे, केंद्र और पंजाब सरकारों...