उफ! कुत्तों के लिए ऐसा मातम!
सीधी बात पर आते हैं। भारत के डॉग–लवर्स मातम में हैं। टूटे हुए, बिखरे हुए, जैसे सरकार उनके ड्रॉइंग रूम से ‘ब्रूनो’ को सोफ़े से उठा ले गई हो। टीवी पर रोना, सड़कों पर जाम, मुख्य न्यायाधीश तक अर्जी — वह भी दो बार, क्योंकि 1.4 अरब की आबादी वाले इस मुल्क में, यही है इमरजेंसी। उधर असली भारत में — बादाम लट्टे वाले कैफ़े और ट्विटर की दुनिया से बाहर — लोग थोड़ी ज़्यादा गंभीर चीज़ों से जूझ रहे हैं। कोई डेंगू से बच रहा है, कोई मैनहोल से, कोई अपनी जर्जर छत के अगली बारिश में न गिर...