अब दूरसंचार पर नियंत्रण?
बेहतर यह होता कि प्रस्तावित कानून का मसविदा व्यापक राष्ट्रीय बहस और तमाम हित-धारकों के साथ विचार-विमर्श के जरिए बनाया गया होता। ऐसा ना होने की वजह से संदेह पैदा हुए हैं और भविष्य में कई विवाद खड़े होने की गुंजाइश बन गई है। लोकसभा में पेश दूरसंचार विधेयक 2023 ने कई तरह की आशंकाओं को जन्म दे दिया है। वैसे इसमें कोई संदेह नहीं है कि दूरसंचार के लिए एक नए कानून जरूरत है। इसलिए सरकार ने नया कानून बनाने का फैसला किया, तो उसे उचित ही माना जाएगा। देश में दूरसंचार सेवाएं अब तक 1885 में बने टेलीग्राफ...