हम हिंदू और रूसी एक से, तभी जैसे पुतिन वैसे मोदी!
तथ्य और सत्य है कि हिंदुओं की तरह रूसियों का भी भीषण गुलामी का इतिहास है। रूसियों के बंधुआ जीवन का इतिहास यों भारत से कुछ सदी कम है मगर उनका गुलाम जीवन का सर्फडोम अनुभव बहुत त्रासद। रूसी जनता जमीन के टुकड़ों में पिंजराबंद जिंदगी जीते हुए थी। मतलब राजा पृथ्वी का मालिक और उससे शासक-सामंतों को बंटी हुई जमीन। वह जमीन फिर किसानों का पिंजरा। किसान उससे नत्थी-बंधे हुए। वहां 12 वीं शताब्दी में गुलामी की यह सर्फडोम व्यवस्था चालू हुई। सन् 1700 में सामंती वर्ग का मनुष्यों पर ऐसा मालिकाना था कि मालिक लोग जमीन भले एक...