वोटर लिस्ट की कटाई-छंटाई तो होगी!
यों बिहार में विपक्षी पार्टियों ने बूथ लेवल एजेंट्स नियुक्त किए हैं। पर वे आम लोगों को दस्तावेज जुटवाने में ही मदद कर सकते है। उनके दस्तावेज बूथ लेवल अधिकारियों के पास जमा करावाएं और सुनिश्चित करें कि उनका नाम अपडेट हो। एक अगस्त से मसौदा मतदाता सूची पर आपत्तियां ली जाएंगी। यानी किसी का नाम कट गया है तो उसे जुड़वाने का मौका मिलेगा। इसका मतलब है कि एक अगस्त से फिर नोटबंदी वाली कहानी दोहराई जाने वाली है। अभी जिस तरह से लोगों से फॉर्म लिए गए हैं और बिना दस्तावेजों के भी फॉर्म स्वीकार किए गए हैं...