नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीश कुमार के हिंदी भाषण को अंग्रेजी में अनुवाद करने के मसले पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की पिछली बैठक में हुए विवाद के बाद डीएमके सांसद दयानिधि मारन के एक वीडियो बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि डीएमके का कहना है कि यह वीडियो पुराना है। लेकिन बिहार में राजद नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से लेकर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस बयान की निंदा की है।
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो दयानिधि मारन तमिलनाडु के लोगों के बेहतर बताते हुए कह रहे हैं- सिर्फ इसलिए कि वे अंग्रेजी पढ़ते हैं, आज वे आईटी कंपनियों में मोटी सैलरी पाते हैं। इसके बाद वे बिहार के लोगों के लिए कहते हैं- वे ‘हिंदी-हिंदी’ कहते हैं। आप अच्छी तरह से जानते हैं कि बिल्डिंगें कौन बनाता है. जो लोग बिहार में केवल हिंदी पढ़ते हैं वे तमिलनाडु में हमारे लिए घर बनाते हैं, सड़कों पर झाड़ू लगाते हैं, टॉयलेट साफ करते हैं।
डीएमके सूत्रों ने दावा किया है कि यह एक पुराना वीडियो है, जिसे बीजेपी ने दोबारा प्रसारित किया है। गौरतलब है कि विपक्षी गठबंधन की बैठक में डीएमके नेता टीआर बालू ने नीतीश कुमार का भाषण अंग्रेजी में अनुवाद करने को कह दिया था, जिस पर नीतीश भड़क गए थे और उन्होंने कहा था कि हिंदी राष्ट्रभाषा है, जिसे सबको समझना चाहिए। इस वीडियो के वायरल होने को उस घटना से जोड़ा जा रहा है।
बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मारन की टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने मीडिया से कहा- यह निंदनीय है। दूसरे राज्यों के नेताओं को, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों, ऐसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए। यह देश एक है। हम दूसरे राज्यों के लोगों का सम्मान करते हैं और यही उम्मीद करते हैं। ऐसी टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी डीएमके नेता के वायरल वीडियो पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा- कांग्रेस और डीएमके की भाषा देश को तोड़ने वाली भाषा है। बिहार के लोग जहां भी जाते हैं, कड़ी मेहनत करते हैं। वे उस राज्य के विकास में योगदान देते हैं। आत्मसम्मान के साथ काम करना कोई अपराध नहीं है।