चंडीगढ़। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (Punjab Vigilance Bureau) ने 2016 से 2020 के बीच ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMADA) में जाली दस्तावेजों पर जमीन के अधिग्रहण के दौरान मुआवजा प्राप्त करने के आरोप में एक राजस्व अधिकारी समेत सात लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया है। ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्य आरोपी की पहचान भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh), मुकेश जिंदल, शमन जिंदल, अनिल जिंदल, प्रवीण लता, विशाल भंडारी, सुखदेव सिंह, बिंदर सिंह और बचीतर सिंह के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग के अधिकारियों जसप्रीत सिंह, वैशाली, दिनेश कुमार, रश्मी अरोड़ा, अनिल अरोड़ा और विशाल भंडारी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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प्रवक्ता ने बताया कि एक शिकायत की जांच के दौरान सतर्कता ब्यूरो ने पाया कि 2016 में जीएमएडीए ने एसएएस नगर में विभिन्न गांवों से संबंधित भूमि के अधिग्रहण के लिए नोटिस प्रकाशित किया और 2017 में धारा 4 के तहत और 2020 में धारा 19 के तहत अधिसूचना जारी की। प्रॉपर्टी डीलर भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh) ने जीएमएडीए, राजस्व एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से अपने साथियों अनिल जिंदल (Anil Jindal), मुकेश जिंदल (Mukesh Jindal) और विकास भंडारी के साथ मिलकर जनरल पावर ऑफ अटार्नी (General Power Of Attorney) पर जमीन लेकर कृषि भूमि पर अमरूद के बाग लगाने शुरू कर दिए।
प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि मुख्य आरोपी भूपिंदर सिंह ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए अमरूद के बागानों के लिए लगभग 24 करोड़ रुपये का मुआवजा लिया है। इसी तरह मुकेश जिंदल ने करीब 20 करोड़ रुपये मुआवजा लेकर सरकार के साथ धोखा किया है। कई अन्य लोगों ने भी अपनी जमीन में अमरूद के बाग दिखाकर अवैध रूप से सरकार से मुआवजा लिया है। विजिलेंस ब्यूरो ने कहा कि अन्य आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। (आईएएनएस)