राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

केदारनाथ धाम के कपाट खुले, मुख्यमंत्री धामी ने भी मंदिर में पूजा की

देहरादून। उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल (Upper Garhwal) हिमालयी क्षेत्र में स्थित केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट छह माह बंद रहने के बाद मंगलवार को विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गये। इस दौरान शून्य से नीचे तापमान के बीच हजारों तीर्थयात्री बर्फ से ढंके मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भी मंदिर में पूजा अर्चना की।

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रावल भीमाशंकर ने अन्य पुजारियों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विशेष पूजा अर्चना कर सुबह छह बजकर 20 मिनट पर मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए। इस मौके पर मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया। केदारनाथ धाम और उसके आसपास का पूरा इलाका बर्फ से ढका हुआ है। चारों तरफ एक फुट से ज्यादा उंची बर्फ की परत जमी हुई है। हांलांकि, मंदिर परिसर और धाम की ओर जाने वाले मार्गों से बर्फ हटा दी गयी है।

पिछले कुछ दिनों से लगातार बर्फबारी और रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण भीषण ठंड के बावजूद हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु मंदिर के कपाट खुलने के साक्षी बने। कपाट खुलते समय सेना के बैंड की धुनों के बीच भजन कीर्तन एवं शिवभक्तों के जय श्री केदार, बम-बम भोले के उद्घोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। कपाट खुलने के अवसर पर तीर्थयात्रियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गयी।

मौसम विभाग द्वारा 29 अप्रैल तक बर्फबारी और बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किए जाने के चलते राज्य सरकार ने रविवार को केदारनाथ के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण 30 तारीख तक बंद कर दिया है, जबकि ऋषिकेश, गौरीकुंड, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग सहित कई जगहों पर यात्रियों को फिलहाल वहीं ठहरने को कहा जा रहा है। बाइस अप्रैल को अक्षय तृतीया पर गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हो गई। एक अन्य धाम बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। (भाषा)

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *