ढाका। मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी बीएनपी सहित कई पार्टियों के बहिष्कार और हिंसा, विरोध प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश में रविवार को मतदान संपन्न हुआ। उम्मीद के मुताबिक बहुत कम संख्या में लोग वोट डालने पहुंचे। शाम तक जारी आंकड़ों के मुताबिक कुल 40 फीसदी लोगों ने मतदान किया। गौरतलब है कि पिछले आम चुनाव में 80 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे। लेकिन इस बार मतदान प्रतिशत उसका आधा रह गया।
बहरहाल, मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने कहा कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक, मतदान करीब 40 फीसदी हुए हैं। लेकिन अंतिम गिनती के बाद यह आंकड़ा बदल सकता है। उन्होंने बताया कि शाम तीन बजे तक 27 फीसदी से कुछ ज्यादा मतदान दर्ज किया गया था। इसके बाद एक घंटे तक और मतदान हुआ। तभी माना जा रहा है कि मतदान के अंतिम आंकड़ों में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा। मतदान समाप्त होने के साथ ही वोटों की गिनती शुरू हो गई और सोमवार की सुबह नतीजे आने लगेंगे। बैलेट से हुए मतदान के सभी नतीजे आने में थोड़ा समय लगेगा।
इस बीच चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है कि गड़बड़ियों को लेकर सात मतदान केंद्रों पर मतदान स्थगित कर दिया गया। इससे पहले स्थानीय समय के अनुसार सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ और शाम चार बजे तक चला। मतदान केंद्रों पर भीड़-भाड़ नहीं होने की वजह से मतदाताओं ने बिना किसी बाधा के वोट डाला। खबरों के मुताबिक चुनाव आयोग ने नरसिंगडी में चुनावी धांधली के आरोपों पर उद्योग मंत्री नुरुल माजिद महमूद हुमायूं के बेटे को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। कुछ और मतदान केंद्रों पर हिंसा होने और गोलीबारी की खबरें हैं। विपक्षी पार्टियों ने देशव्यापी हड़ताल की अपील की थी और उसका भी असर मतदान के ऊपर दिखाई दिया।
बहरहाल, भारत के तीन पर्यवेक्षकों सहित एक सौ से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक बांग्लादेश के 12वें आम चुनाव की निगरानी कर रहे थे। मतदान के दौरान कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षा बलों के साढ़े सात लाख से अधिक सदस्य तैनात किए गए थे। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मतदान शुरू होने के तुरंत बाद ढाका सिटी कॉलेज मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। इस दौरान उनकी बेटी साइमा वाजिद भी उनके साथ थीं। देश के पंजीकृत दलों के डेढ़ हजार और चार सौ से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।