नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत में प्रेस कांफ्रेंस नहीं कर सके थे। आठ सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोपक्षीय वार्ता के बाद वे मीडिया को सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी गई थी। लेकिन उसके दो दिन बाद 10 सितंबर को वियतनाम के दौरे पर गए बाइडेन ने हनोई में प्रेस कांफ्रेंस की और बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत में उन्होंने मानवाधिकार का मुद्दा उठाया था और साथ ही प्रेस की आजादी के बारे में भी चर्चा की थी।
गौरतलब है कि बाइडेन जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन वार्ता का तीसरा सत्र शुरू होने से पहले ही वियतनाम रवाना हो गए थे। वहां पहुंचने पर उन्होंने कहा- मैंन प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के दौरान मानवाधिकारों का मुद्दा भी उठाया। जैसा की मैं हमेशा करता हूं, मैंने मानवाधिकार का सम्मान करने, देश को मजबूत बनाने में सिविल सोसायटी और प्रेस की आजादी की भूमिका के महत्व के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को बताया। गौरतलब है कि अमेरिकी मीडिया में भारत के कई हिस्सों में मानवाधिकार को लेकर रिपोर्ट छपती रहती है।
बहरहाल, चीन को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा कि चीन को जवाब देना अमेरिका का मकसद नहीं है और न ही वे चीन से कोई शीत युद्ध शुरू करना चाहते हैं। बाइडेन ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा- भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ मिलकर क्वाड बनाने का मकसद चीन को अलग-थलग करना नहीं है। उन्होंने कहा कि वे बस हिंद-प्रशांत इलाके में स्थिरता कायम करना चाहते हैं। बाइडेन ने कहा- मैंने राष्ट्रपति शी से काफी बातचीत की है। उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्वाड क्यों बनाया जा रहा है। इस पर मैंने उन्हें बताया कि स्थिरता के लिए। हम सिर्फ ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सड़क, समुद्र और आसमान तक नियमों का पालन हो। बाइडेन ने कहा- मैं चाहता हूं कि चीन आर्थिक कामयाबी हासिल करे, पर ये कामयाबी नियमों के मुताबिक हो।