नई दिल्ली। विपक्ष पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की कऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक बुधवार को नई दिल्ली में हुई। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर हुई इस बैठक में विपक्षी नेताओं ने फैसला किया कि उनकी पहली साझा रैली अक्टूबर में भोपाल में होगी। गौरतलब है कि उस समय राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहा होगा। इसके अलावा विपक्षी पार्टियों ने यह भी तय किया कि जातीय जनगणना पर सभी पार्टियां जोर देंगी। बताया जा रहा है की सीट बंटवारे पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई। इसकी बजाय विपक्षी पार्टियों ने साझा लड़ाई और चुनाव रणनीति पर बात की।
बुधवार को बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विपक्ष के नेताओं ने देश के अलग-अलग राज्यों में रैलियां करने का फैसला किया है। पहली रैली अक्टूबर के पहले हफ्ते में भोपाल में होगी, जिसमें मोदी सरकार में बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सवाल होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सभी पार्टियां जातीय जनगणना का मुद्दा उठाने पर भी सहमत हुई हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि सीट बंटवारे पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। सभी पार्टियां मिलकर इस बारे में जल्दी फैसला करेंगी।
वेणुगोपाल ने बताया कि बैठक में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी शामिल नहीं हो पाए क्योंकि उन्हें ईडी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था। मीटिंग खत्म होने के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा- हमने साथ मिलकर लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया है, हम इसे जरूर पूरा करेंगे। जुड़ेगा भारत, जीतेगा ‘इंडिया’। हालांकि बैठक से पहले गठबंधन के कई नेताओं ने कहा था कि इसमें सीट बंटवारे पर चर्चा होगी।
बहरहाल, बुधवार को शरद पवार के जनपथ स्थित अवास पर हुई बैठक में पवार और केसी वेणुगोपाल के अलावा डीएमके के टीआर बालू, जेएमएम के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव, शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती, सीपीआई के डी राजा, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, जनता दल यू के संजय झा आदि नेता शामिल हुए।