nayaindia Surat Diamond Bourse सूरत में सबसे बड़े डायमंड कॉम्पलेक्स का उद्घाटन

सूरत में सबसे बड़े डायमंड कॉम्पलेक्स का उद्घाटन

सूरत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 17 दिसंबर को गुजरात के सूरत में सबसे बड़े कारोबारी कॉम्पलेक्स का उद्घाटन किया। इसका नाम सूरत डायमंड बोर्स है, जो अपने आकार और डिजाइन की वजह से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। यह दुनिया की सबसे बड़ी इंटरकनेक्टेड इमारत है। इससे पहले यह रिकॉर्ड अमेरिका के रक्षा विभाग की इमारत पेंटागन के नाम था। यह उससे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग है। इसमें 45 सौ से अधिक दफ्तर हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सूरत एयरपोर्ट पर नए इंटीग्रेटेड टर्मिनल का उद्घाटन किया और रोड शो भी किया। सूरत गुजरात का तीसरा शहर है, जहां इंटरनेशल एयरपोर्ट शुरू हो गया।

बहरहारल, सूरत डायमंड बोर्स को साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। इसका निर्माण फरवरी 2015 में शुरू हुआ था। अप्रैल 2022 में इसका काम पूरा हुआ। इसे सूरत के डायमंड उद्योग ने निर्माण और कारोबार दोनों के लिए वन-स्टॉप हब के रूप में स्थापित किया है। गौरतलब है कि सूरत दुनिया के 92 फीसदी नेचुरल डायमंड की मैन्युफैक्चरिंग करता है। यह इमारत 35.54 एकड़ में फैली है। इसका बिल्ड अप एरिया 67 लाख वर्ग फीट है, जबकि पेंटागन का बिल्ड अप एरिया 65 लाख वर्ग फीट है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन करते हुए का कि पूरे देश के आर्किटेक्चर के छात्रों को ये बिल्डिंग दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा- पंचतत्व क्या होता है ये दिखाने के लिए लैंडस्केप की दुनिया में जो काम करते हैं उनको भी यहां बुलाइए। मोदी ने यह भी कहा कि सूरत की डायमंड इंडस्ट्री पहले से ही आठ लाख लोगों को रोजगार दे रही है और अब डायमंड बोर्स से डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलने वाला है। उन्होंने कहा- अभी डायमंड ज्वैलरी के एक्सपोर्ट में भारत बहुत आगे हैं, लेकिन पूरी जेम्स ज्वैलरी में भारत का शेयर साढ़े तीन फीसदी है। सूरत अगर चाहे तो भारत जल्द डबल डिजिट में आ सकता है।

सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा- सूरत से दुबई की फ्लाइट आज से शुरू हो रही है। बहुत जल्द हॉन्गकॉन्ग की फ्लाइट शुरू होगी। गुजरात में अब तीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो गए हैं। गौरतलब है कि सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर नई बनी इंटीग्रेटेड टर्मिनल पीक आवर्स के दौरान 12 सौ घरेलू और छह सौ अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को संभालने के लिए डिजाइन की गई है। इसका सालाना पैसेंजर हैंडलिंग क्षमता 55 लाख तक बढ़ेगी।

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