Adivasi

  • दलित और आदिवासी बनने की होड़

    कास्ट मोबिलिटी यानी जाति गतिशीलता को लेकर भारत में बहुत कुछ लिखा गया है। महान समाजशास्त्री एमएन श्रीनिवास से लेकर समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा तक ने इस पर बहुत विस्तार से लिखा है। दोनों मानते रहे हैं कि प्राचीन भारत से लेकर अभी तक जातियों में बड़ी गतिशीलता रही है और आज कोई व्यक्ति जिस जाति में है, जरूरी नहीं है कि बरसों पहले उसके पूर्वज उसी जाति में रहे हों। दुनिया के किसी भी दूसरे देश के मुकाबले भारत में जाति गतिशीलता ज्यादा रही है। जाति की रूढ़ और बंद प्रकृति के बावजूद भारत में परिवर्तन होता रहा है।...