बिहार की नियुक्तियों में दामादवाद
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सारे बोर्ड, आयोग और निगमों का गठन किया जा रहा है। थोक के भाव नियुक्तियां हो रही हैं। आमतौर पर चुनावी साल में जब कोई सरकार पदों की रेवड़ी बांटती है तो वह सामाजिक समीकऱण का ध्यान रखती है। यह ध्यान रखा जाता है कि किस नियुक्ति से कितने वोट प्रभावित होंगे। लेकिन बिहार में ऐसा नहीं है। बिहार में वोट या सामाजिक समीकऱण के लिए बोर्ड, निगम आदि में नियुक्ति नहीं हो रही है, बल्कि सब अपने अपने रिश्तेदारों को एडजस्ट करने में लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई भी फैसला करने में...