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  • ग्रेटर नोएडा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, एक्यूआई ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

    दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति पर पहुंच चुका है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में पहले स्थान पर दर्ज किया गया है। मंगलवार को जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 454 तक पहुंचा था, वहीं बुधवार सुबह नॉलेज पार्क–V स्टेशन पर एक्यूआई बढ़कर 473 तक जा पहुंचा, जो सीजन का सबसे भयावह स्तर है।   यह स्तर ‘गंभीर श्रेणी’ से भी आगे निकल चुका है और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक बता रहे हैं। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति भी कम गंभीर नहीं है। दिल्ली के...

  • दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण बना स्वास्थ्य संकट, एक्यूआई 400 के पार

    राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंचता जा रहा है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार दर्ज किया गया है, जो “गंभीर श्रेणी” में आता है।   पर्यावरण मॉनिटरिंग केंद्रों से मिली ताजा रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के बवाना में एक्यूआई 460, चांदनी चौक में 455, और आनंद विहार में 431 दर्ज किया गया है। वहीं नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 419 और गाजियाबाद के वसुंधरा क्षेत्र में 413 तक पहुंच गया है।  वायु प्रदूषण की यह भयावह स्थिति दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट बन...

  • धुआं-धुआं हुई द‍िल्‍ली, एक्यूआई ने छुआ आसमान

    नई दिल्ली। दीपावली में जलाए गए पटाखों की वजह से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर और बिगड़कर 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गया। दीपावली के एक दिन बाद शुक्रवार को पूरे एनसीआर में जहरीला धुआं छाया हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, राजधानी दिल्ली में सुबह साढ़े सात बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 361 रहा। बता दें कि पूरी दिल्ली और एनसीआर के लगभग सभी क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर 300 से 400 के बीच रहा। सीपीसीबी के अनुसार, शुक्रवार सुबह दिल्ली के अलीपुर में एक्यूआई 353, आनंद विहार में 395, अशोक विहार...

  • दम घुट रहा, जवाबदेही किसी की नहीं!

    अब जिम्मेदारी लेने की राजनीति का समय समाप्त हो गया है और उसकी जगह श्रेय लेने की राजनीति का समय आ गया है। नेता किसी विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं। लेकिन अगर बारिश बेहतर हो जाए तो उसका भी श्रेय लेने आ जाते हैं। उसी बारिश से अगर शहर में पानी जमा हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी किसी की नहीं होगी। सोचें, एक समय लोकतंत्र की बुनियादी शर्त सामूहिक उत्तरदायित्व का सिद्धांत होता था। भारत ने लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ब्रिटेन के वेस्टमिनिस्टर मॉडल पर अपनाई है। वहां 1963 में क्रिस्टीन कीलर कांड हुआ था। क्रिस्टीन कीलर नाम की एक...