मौन की भाषा: ‘बर्लिन’
अतुल सभरवाल का निर्देशन बेहद प्रभावशाली है। उन्होंने 1993 के दिल्ली को बेहद प्रामाणिक तरीके से परदे पर जीवंत कर दिया है। पुरानी दिल्ली की गलियां, सरकारी दफ्तरों का तनावपूर्ण माहौल और राजनीतिक दबाव को उन्होंने बेहतरीन ढंग से चित्रित किया है। फ़िल्म का लेखन इतना सशक्त है कि यह दर्शकों को अंत तक बांधे रखता है। फ़िल्म की सबसे बड़ी ख़ासियत इसका रहस्यमय माहौल है।... ज़ी 5 पर है। देख लीजिएगा। ऐसा अक्सर होता है कि बहुत बड़ी फिल्मों के अग्रेसिव प्रमोशन के शोर में कई छोटी और दिलचस्प फ़िल्मों की तरफ़ ध्यान थोड़ी देर से जाता है। पिछले...