
पंकज दुबे
Jun 28, 2025
Columnist
‘सितारे ज़मीन पर’: सबका अपना अपना नॉर्मल
फ़िल्म का फ़लसफ़ा बिलकुल साफ़ है, 'सबका अपना-अपना नॉर्मल होता है'। बस, यही बात फ़िल्म की आत्मा है।
Jun 1, 2025
Columnist
‘अब तो सब भगवान भरोसे’
फ़िल्म का नाम है 'अब तो सब भगवान भरोसे', निर्देशक हैं शिलादित्य बोरा, जिन्होंने इससे पहले कुछ फिल्में बतौर निर्माता बनाई हैं।
May 24, 2025
Columnist
ठसक की कसक: ‘द रॉयल्स’
आज के ‘सिने-सोहबत’ में पिछले दिनों ओटीटी पर आई हिंदी वेब सीरीज़ ‘द रॉयल्स’ के माध्यम से राजसी घरानों की खोई हुई ठसक की कसक पर चर्चा करते हैं।
May 17, 2025
Columnist
दिलचस्प क़िस्साग़ोई हैः ‘सिनर्स’
फ़िल्म में सबसे बड़ा प्रतीक ब्लूज़ म्यूज़िक है जो कि दक्षिण अमेरिका के अश्वेत अफ्रीकन- अमेरिकन समुदायों से निकला है
May 3, 2025
Columnist
जानी पहचानी कथा का सस्पेंस- ‘रेड 2’
हिंदी फ़िल्मों के दर्शकों में बहुत बड़ी तादाद ऐसे दर्शकों की भी है, जिन्हें फैमिलियर या परिचित दुनिया बेहद पसंद होती है।
Apr 26, 2025
Columnist
‘केसरी चैप्टर 2′: एक अनकही कहानी
यह फिल्म एक नहीं कई वार करने आई है। वह भी एक ऐसे समय में, जब हमें कश्मीर घाटी में एक हृदय विदारक घटना का सामना करना पड़ा है।
Apr 19, 2025
Columnist
‘ड्रैगन’ में है दम
हिंदी साहित्य की महानतम कृतियों में से एक 'शेखर: एक जीवनी' की शुरुआत में ही 'अज्ञेय' ने लिखा था, 'वेदना में एक शक्ति है जो दृष्टि देती है।
Apr 5, 2025
Columnist
कहानी कला की मास्टरक्लास है ‘एडोलसेंस’
'एडोलसेंस' की कहानी एक 13 साल के बच्चे के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके ऊपर ये इलज़ाम है कि उसने अपने साथ पढ़ने वाली एक लड़की का कत्ल कर दिया...
Mar 22, 2025
Columnist
ख़ामोशी में दहाड़: ‘द डिप्लोमैट’
the diplomat : फिल्म चुस्त है, स्क्रिप्ट और एडिटिंग दुरुस्त। फ़िल्म के एडिटर हैं कुणाल वाल्वे। फ़िल्म कासी हुई है और इसकी अवधि है, दो घंटे 17 मिनट।
Feb 15, 2025
BOLLYWOOD
सपनों को सच करते ‘द मेहता बॉयज़’
क़िस्सागोई के अलग अलग आयाम साधने वाले कलाकारों की क़ाबिलियत का रस लेने के लिए सबसे ज़रूरी है ये समझना कि उन्हें किसी पारम्परिक नौकरीशुदा इंसान की तरह देखने...
Feb 8, 2025
Columnist
सच की आंच पर पकीः ‘द स्टोरीटेलर’
बहुत दिनों बाद हिंदी फ़िल्मों की दुनिया में एक ऐसी फ़िल्म आई है, जिसमें 'प्लेजरिज़्म' (साहित्यिक चोरी) को कहानी के केंद्र में रखा गया है।
Jan 25, 2025
Columnist
पाताल लोक: ख्वाहिशों के ख़ूबसूरत झमेले
2025 की शुरुआत, दर्शकों के लिए वेब सीरीज़ की दुनिया में एक सुनहरा दौर लेकर आई है।
Jan 11, 2025
Columnist
मौन की भाषा: ‘बर्लिन’
ऐसा अक्सर होता है कि बहुत बड़ी फिल्मों के अग्रेसिव प्रमोशन के शोर में कई छोटी और दिलचस्प फ़िल्मों की तरफ़ ध्यान थोड़ी देर से जाता है।
Jan 4, 2025
Columnist
ज़िद जो न कराए: ‘सिकंदर का मुकद्दर’
निर्देशक नीरज पांडे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वे थ्रिलर शैली के मास्टर हैं।
Dec 21, 2024
Columnist
वर्जनाओं को तोड़ने की एक सार्थक पहल
इस शब्द के किसी पब्लिक प्लेस या फिर घर की गैदरिंग में भी उच्चारण मात्र से ऐसा लगता है जैसे कोई बम फट जाता हो।
Dec 7, 2024
Columnist
भावनात्मक आघात से आगे बढ़ने की कहानी
ये फ़िल्म इसी नाम से 2016 में छपे कोलीन हूवर के मशहूर उपन्यास पर आधारित है।
Nov 23, 2024
Columnist
शिक्षा पर सार्थक फिल्मों की जरुरत
राजनीतिक घटनाक्रमों और राजनेताओं पर हमेशा फ़िल्में बनती रहीं हैं। जब जिस विचारधारा का ज़्यादा प्रभाव रहता है, उसके पक्ष की कहानियां प्रमुखता पातीं हैं
Nov 9, 2024
Columnist
हॉरर, मिथ और सिनेमाई जादू
'तुम्बाड' देखना एक ऐसा अनुभव है, जो आपको डराता भी है, सोचने पर मजबूर भी करता है, और सिनेमाई स्तर पर गहरे तक छू जाता है।
Nov 3, 2024
Columnist
इंसानी जिजीविषा का नाम है ‘श्रीकांत’
'श्रीकांत' एक बायोपिक है, जिसमे मनोरंजन के साथ साथ मोटिवेशन का भी एक संतुलित अनुपात है।