Bhartiya sanskriti

  • भारतीय आख्यान परंपरा बेजोड़

    भारतीय संस्कृति के अनुसार मानव और देव दोनों परस्पर संबद्ध हैं। मनुष्य यज्ञों में देवों के लिए आहुति देता है, जो प्रसन्न होकर उसकी अभिलाषा पूर्ण करते हैं और अपने प्रसादों की वृष्टि उनके ऊपर निरंतर करते रहते हैं। इस प्रकार वैदिक आख्यानों से संबंधित अनेक आख्यानों का विकास उपनिषद, ब्राह्मण व आरण्यक ग्रंथों, रामायण, महाभारत और पुराणों में हुआ है। भारत में आख्यान परंपरा सुदीर्घ, लंबी, वृहत व अत्यंत प्राचीन है। विश्व के सर्वप्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में सुपर्ण, शुन:शेप, अगस्त्य और लोपामुद्रा, गृत्समद, वसिष्ठ व विश्वामित्र और पुरुरवा इत्यादि के आख्यान अंकित होने से यह सिद्ध है कि आख्यान...