Bihar Political Crisis

  • राम, राम थे न कि रावण!

    बिहार में नीतीश कुमार की पलटी के सिलसिले में मोदी सरकार के एक मंत्री अश्विनी चौबे ने पते की एक बात कहीं। उन्होने कहा- राम की कृपा से सब काम हो रहा है।...सुन कर मुझे सचमुच समझ नहीं आया कि यह क्या? भला इस तरह का अनैतिक, अमर्यादित, असंस्कारी, सत्ताहरण का काम क्या रामजी की बदौलत! क्या सन् 2024 में, अयोध्या के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामजी का नया अर्थ है? बिहार, चंडीगढ़, झारंखड, महाराष्ट्र से ले कर खरीद-फरोख्त, झूठ, पाखंड, अहंकार के तमाम वाकिये क्या रामराज्य की राजनीति की देन है? मैं बतौर हिंदू बचपन से आज...

  • बिहार में राजनीतिक नैतिकता गटर में

    झारखंड में अगर संवैधानिक मर्यादा का मजाक बना तो उससे पहले बिहार में राजनीतिक नैतिकता का मजाक बना। सोचें, ये दोनों घटनाएं अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुई हैं। भाजपा और हिंदुवादी संगठन महीनों से प्रचार कर रहे थे कि राम आएंगे। फिर राम आ गए। लेकिन क्या राम के साथ उनकी मर्यादा भी आई है? क्या यही राम की मर्यादा है कि फायदे के लिए जानी दुश्मन को भी गले लगा लो या फायदे के लिए संवैधानिक व राजनीतिक मर्यादा को ताक पर रख दो? क्या भगवान राम...