Bilkis Bano

  • तकनीकी आधार पर राहत

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि दोषियों को सजा महाराष्ट्र में मिली थी, इसलिए उनकी रिहाई के फैसले का अधिकार महाराष्ट्र सरकार को है, ना कि गुजरात सरकार को। तो गेंद अब महाराष्ट्र सरकार के पाले में पहुंच सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकीस बानो के मामले में 11 अपराधियों को समय से पहले मिली रिहाई को रद्द करने का फैसला तकनीकी आधार पर लिया। इससे इन मुजरिमों को फिर से रिहाई मिल जाने का रास्ता बंद नहीं हुआ है। जाहिर है, समय से पहले रिहाई से व्यग्र हुए लोगों को इस मामले में फौरी राहत ही मिली है। सुप्रीम...

  • बिलकिस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फिर सवाल

    नई दिल्ली। गुजरात दंगों से जुड़े बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की कार्रवाई पर फिर सवाल उठाए हैं। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले के 11 दोषियों की रिहाई पर कहा कि, दोषियों की रिहाई पर प्राधिकरण ने स्वतंत्र विवेक का इस्तेमाल कैसे किया? आखिरकार प्राधिकरण कैसे रिहाई देने की सहमति पर पहुंचा? सहमति वाली राय कैसे बनाई गई? अदालत ने कहा कि, सहमति वाली राय बनाने में भी विवेक का स्वतंत्र प्रयोग होना जरूरी है। इसे व्यापक कारणों से समर्थित करने की जरूरत नहीं है। जब अदालत के सामने यह बताया गया कि रिहा किया गया...

  • बिलकिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल

    नई दिल्ली। गुजरात दंगों से जुड़े बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के ऊपर कई सवाल उठाए हैं। दोषियों को राहत दिए जाने के मामले में भी अदालत ने सवाल पूछे। हालांकि राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि दोषियों की रिहाई कानून के मुताबिक ही हुई है। गौरतलब है कि पिछले साल 15 अगस्त को इस मामले के सभी दोषियों को रिहा कर दिया गया था। इस फैसले को बिलकिस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से पूछा कि दोषियों को मौत...

  • जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने बिल्कीस बानो मामले से खुद को अलग किया

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) की न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) ने बुधवार को बिल्कीस बानो (bilkis bano) मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। उल्लेखनीय है कि 2002 के गुजरात दंगों (gujarat riots) के दौरान बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म (gangrape) किया गया था और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने माकपा नेता सुभाषिनी अली, पत्रकार रेवती लाल, लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा...