Birsa Munda Balidan Diwas

  • क्रांतिदर्शी बिरसा मुंडा

    1894 में मानसून के छोटानागपुर में असफल होने के कारण भयंकर अकाल और महामारी फैली, तो बिरसा ने पूरे मनोयोग से अपने लोगों की सेवा की। बिरसा ने लोगों को किसानों का शोषण करने वाले ज़मींदारों के विरुद्ध संघर्ष करने की प्रेरणा भी दी। अवसर आते ही 1 अक्टूबर 1894 को नौजवान नेता के रूप में सभी मुंडाओं को एकत्र कर बिरसा ने अंग्रेजों से लगान माफी के लिए आन्दोलन शुरू कर दिया। 9 जून को बिरसा मुंडा बलिदान दिवस झारखण्ड के अमर स्वाधीनता सेनानी और क्रांतिदर्शी बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 ईस्वी में राँची के उलीहातू गाँव...