सिर्फ ब्राह्मणों के सिर पर ही ठीकरा क्यों?
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर तो मानते थे कि छुआछूत के लिए ब्राह्मण जिम्मेदार नहीं है। फिर भी इसका ठीकरा सिर्फ ब्राह्मणों के सिर फोड़ा गया। यह तब है, जब खालिस इस्लामी व्यवस्था में दलित भी अंततः ‘काफिर’ हैं। इसका प्रमाण पाकिस्तान के पहले श्रम मंत्री दलित जोगेंद्रनाथ मंडल की वो मार्मिक चिट्ठी है, जो उन्होंने इस्तीफे के बाद भारत लौटते समय लिखी थी। हकीकत तो ये है कि ब्राह्मण-विरोधी अभियान का असली मकसद हिंदू समाज की रीढ़ को तोड़ना है। यह जहर केवल सवर्णों के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज के विरुद्ध फैलाया जा रहा है। जब...