Captain Amarinder Singh
राष्ट्रपति भवन से मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी ने पंजाब में हुए चूक का फर्स्टहेड राष्ट्रपति…
कैप्टन साहब ने आज शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री और पंजाब बीजेपी प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। जहां गठबंधन को लेकर दोनों दलों में सहमति बनी है। भाजपा ने भी इस गठबंधन पर अपनी अंतिम
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हम भाजपा और सुखदेव सिंह की पार्टी शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन करेंगे. उन्होंने कहा कि..
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा के साथ मिलकर पंजाब में अगली सरकार बनाने का दावा किया है। उनका कहना है कि सब कुछ सही जा रहा है और वह BJP के साथ मिलकर पंजाब में अगली सरकार (Punjab Election 2022) बनाएंगे।
कांग्रेस में हमेशा मजबूत मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाया जाता है. आगे उन्होंने कहा कि मेरे बाद अगला नंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत…
पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाए गए कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा देने के साथ ही अपनी खुद की पार्टी के नाम का ऐलान भी कर दिया है। उन्होंने अपनी नई पार्टी का नाम ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ रखा है।
तीन कृषि कानूनों के विरूद्ध किसानों के वर्तमान आंदोलन के संभावित समाधान पर चर्चा करने के लिए वह अमित शाह से मुलाकात करने जा रहे हैं।
पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने हमला बोला था. अब एक बार फिर से मिसेज सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला है…
पंजाब में कांग्रेस पार्टी के लिए असली अच्छी खबर यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह अलग पार्टी बना रहे हैं और भाजपा उनके साथ तालमेल करेगी।
कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ में कैप्टन अमरिंदर सिंह और भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगा दिए…
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह क्या करेंगे? उनको मुख्यमंत्री पद से हटे हुए एक महीने हो गए हैं और अभी तक उन्होंने अपना पहला राजनीतिक कदम नहीं उठाया है।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर राज्य के पुलिस प्रमुख और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति का विरोध किया और उन्हें तत्काल हटाने की मांग की।
असल में यह कैप्टेन के बहाने कांग्रेस को कमजोर दिखाने, उसके नेतृत्व पर सवाल उठाने और पंजाब की राजनीति में भाजपा के लिए थोड़ी-बहुत जगह बनाने के प्रयास का हिस्सा है।
भारत में पिछले कुछ समय से आंदोलन की परंपरा खत्म होती जा रही है। केंद्र या राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में अगर कहीं आंदोलन हो रहा है तो वह ज्यादातर प्रतीकात्मक होता है।