Delhi Ordinance

  • दिल्ली का बिल आज पेश होगा

    नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा विवादित बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। पास होने के बाद यह बिल मई में जारी अध्यादेश की जगह लेगा। अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसल को पलट दिया था, जिसमें सर्वोच्च अदालत ने अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बिल को राज्यसभा में पास होने से रोकने के लिए बड़ी मेहनत की है। लोकसभा से पास होने के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में भी इस बिल को...

  • अध्यादेश का मामला संविधान पीठ को

    नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में केंद्र सरकार की ओर से जारी अध्यादेश के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को भेज दिया है। जल्दी ही पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई शुरू करेगी। इस अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार ने अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार से लेकर तीन लोगों के एक प्राधिकरण को सौंप दिया है, जिसके प्रमुख मुख्यमंत्री होंगे। साथ में राज्य के मुख्य सचिव और गृह विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य होंगे। दिल्ली सरकार ने इसे चुनौती दी है। दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते...

  • कांग्रेस संसद में अध्यादेश का नहीं करेगी समर्थन

    Delhi Ordinance:- कांग्रेस ने रविवार को साफ किया कि वह दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश का समर्थन नहीं करेगी और देश में ‘संघवाद को ध्वस्त’ करने के केंद्र सरकार के ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करेगी। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी का रुख साफ है कि वह राज्यपालों के जरिए विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में हस्तक्षेप करने के केंद्र के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगी और उसने संसद में दिल्ली अध्यादेश पर विधेयक आने पर इसका विरोध करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, हम संघवाद को खत्म...

  • अध्यादेश पर केंद्र से जवाब मांगा

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लेकर जारी केंद्र के अध्यादेश पर जवाब मांगा है। सोमवार को इस मसले पर सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल, तुषार मेहता ने इस मामले में कहा कि दिल्ली में अनेक पदों पर केवल गलत तरीके से ही नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि विधायकों के पति-पत्नी, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को काम पर लगाया गया था। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- हम 437 सलाहकारों को...

  • अध्यादेश पर भी कांग्रेस ने फैसला नहीं किया

    कांग्रेस पार्टी की एक अहम बैठक पिछले हफ्ते हुई थी। आमतौर पर संसद की रणनीति समिति की बैठक सत्र शुरू होने के समय होती है लेकिन इस बार सत्र की घोषणा के साथ ही कांग्रेस की संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई। सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में हुई बैठक में संसद के मॉनसून सत्र की रणनीति पर चर्चा की गई। इसमें मुख्य रूप से कांग्रेस के सामने दो मुद्दे थे। पहला मुद्दा समान नागरिक संहिता का था और दूसरी दिल्ली सरकार से जुड़े केंद्र के अध्यादेश का था। दोनों मुद्दों पर कांग्रेस ने अपना रुख तय नहीं...

  • केजरीवाल के साथ अखिलेश

    लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से केंद्र के दिल्ली अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा।बैठक के बाद अखिलेश ने कहा कि मेरी पार्टी आपके साथ है। अखिलेश यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि ‘यदि राज्यसभा में यह अध्यादेश गिर जाता है तो इससे 2024 के चुनाव से पूर्व एक बड़ा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भाजपा के पास केवल 93 सीटें हैं, यदि भाजपा विरोधी सभी पार्टियां एकजुट होती हैं और इस अध्यादेश को हरा दिया जाता...

  • राजस्थान, हरियाणा में केजरीवाल का अभियान

    अरविंद केजरीवाल एक तरफ केंद्र सरकार के अध्यादेश पर राजनीति कर रहे हैं और विपक्षी पार्टियों को एक करने में लगे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस को कमजोर करने की राजनीति पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने अध्यादेश के मामले में भी कह दिया है कि कांग्रेस या तो उनके साथ है या मोदी के साथ। इससे कांग्रेस नेता नाराज हैं। अब केजरीवाल जमीनी राजनीति में भी केजरीवाल के खिलाफ अभियान शुरू करने वाले हैं। उनका पहला निशाना राजस्थान है, जहां कांग्रेस सरकार में है और दूसरा राज्य हरियाणा है, जहां कांग्रेस मजबूत विपक्ष है और अगले चुनाव में...

  • केजरीवाल की अध्यादेश पर क्यों अभी से भागदौड़?

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बहुत भागदौड़ कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार अपने हाथ में लेने के केंद्र सरकार का अध्यादेश जारी होने के बाद वे पूरे देश की परिक्रमा कर चुके हैं। ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मिल चुके हैं और उनका समर्थन हासिल कर चुके हैं। अब वे इस प्रयास में लगे हैं कि कांग्रेस के नेता उनसे मिलें और इस मसले पर अपना समर्थन दें और वादा करें कि जब इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाए तो कांग्रेस उसका विरोधी करेगी। सवाल है...

  • मोदी सरकार के खिलाफ केजरीवाल अब स्टालिन और हेमंत सोरेन के दर पर जाएंगे

    नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के संबंध में केन्द्र द्वारा जारी अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के वास्ते तमिलनाडु और झारखंड के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे। केजरीवाल ने बुधवार को ट्वीट किया, केन्द्र के असंवैधानिक- अलोकतांत्रिक ‘दिल्ली विरोधी’ अध्यादेश के खिलाफ द्रमुक का सहयोग जुटाने के वास्ते तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) से गुरुवार को चेन्नई में मुलाकात होगी। केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, परसों यानी दो जून को मैं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से रांची में मुलाकात करूंगा। दिल्ली की जनता के खिलाफ...

  • जो भाजपा नेता नहीं कर सके वह माकन ने किया

    दिल्ली सरकार के अधिकारियों की नियुक्त और तबादले को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी अध्यादेश का बचाव कायदे से भाजपा को करना था लेकिन भाजपा के नेता वह काम नहीं कर पाए। प्रदेश भाजपा के नेता अनाप-शनाप बयान देते रहे। चाहे प्रदेश अध्यक्ष हों या पूर्व प्रदेश अध्यक्ष या पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सब इतना कहते रहे कि केजरीवाल सत्ता के भूखे हैं और मनमानी के लिए अधिकारियों का नियंत्रण अपने हाथ में रखना चाहते हैं। लेकिन किसी ने तकनीकी और कानूनी पहलू पर चर्चा नहीं की। किसी ने यह नहीं बताया कि 1993 में विधानसभा बहाल होने...

  • पहली बार विफल रहे थे केजरीवाल

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को मौका बनाया है। इससे पहले वे चूक गए थे या ऐसे कहें कि विपक्षी पार्टियों ने उनके अभियान पर ध्यान नहीं दिया था। उन्होंने देश के सात मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिख कर न्योता भेजा था और 18 मार्च को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया था। केजरीवाल ने आठ गैर कांग्रेस और गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी, जिन्हें उन्होंने ‘प्रोग्रेसिव चीफ मिनिस्टर्स ग्रुप ऑफ इंडिया’ या ‘जी-8’ कहा था। केजरीवाल ने बिहार, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल, झारखंड और पंजाब के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी। आठवें मुख्यमंत्री वे खुद...

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