Dr Rajendra Prasad

  • भाषा, संस्कृति के प्रति समर्पित रहे डॉ.राजेंद्र प्रसाद

    ग्रामीण भारत,सनातन संस्कृति,मातृभाषा भोजपुरी से प्रेम,संविधान सभा के अध्यक्ष,दो दो बार राष्ट्रपति,स्वतंत्रता सेनानी,गांधी के सर्वश्रेष्ठ अनुयायियों में एक महान राजेंद्र बाबू जी की चरित्र गाथा युगों युगों तक भारत वर्ष की आने वाली पीढ़ियों को उत्प्रेरित करती रहेंगी। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी का नाम लेते ही मन मस्तिष्क में एक ऐसे व्यक्तित्व की छवि झिलमिलाने लगती है, जिसकी सादगी,विद्वता, सरलता,श्रेष्ठता के अनेकों किस्से देश की स्मृतियों में जीवंत बने हुए हैं।इनकी इसी छवि के कारण इन्हें 'सादा जीवन,उच्च विचार' के कहावत के सटीक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इन्हें तीव्र बुद्धिमान सफल छात्र...