Economic Survey

  • बजट से पहले पेश हुआ आर्थिक सर्वे

    Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार यानी एक फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी। उससे एक दिन पहले शुक्रवार, 31 जनवरी को उन्होंने आर्थिक सर्वे पेश किया। सरकार ने आर्थिक सर्वे में बताया है कि अगले वित्त वर्ष में यानी एक अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की विकास ग्रोथ 6.3 से 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है। साथ ही बताया गाय है कि अप्रैल से दिसंबर 2024 की अवधि में खुदरा महंगाई 4.9 फीसदी रही है। गौरतलब है कि आर्थिक सर्वे से देश की अर्थव्यवस्था की हालत का...

  • खुशनुमा सुर्खियों के नीचे

    आर्थिक सर्वेक्षण (2023-24) रिपोर्ट में दिए गए विवरण आम जन की बढ़ती मुसीबतों से मुलाकात करा देते हैं। वहां मौजूद आंकड़े बताते हैं कि अगर पैमाना पूरे समाज की खुशहाली हो, तो वर्तमान सरकार की आर्थिक नीतियां विफल हैं। आर्थिक सर्वेक्षण (2023-24) की सुर्खियां कुछ चुनौतियों के साथ मोटे तौर पर अर्थव्यवस्था की हरी-भरी तस्वीर दिखाती हैं, लेकिन उसमें दिए गए विवरण बढ़ती मुसीबतों से मुलाकात करा देते हैं। वहां मौजूद आंकड़े बताते हैं कि अगर पैमाना पूरे समाज की खुशहाली हो, तो सरकार की आर्थिक नीतियां विफल हैं। बताया गया है कि बीते वित्त वर्ष खाद्य महंगाई की दर...

  • आर्थिकी में सब अच्छा!

    नई दिल्ली। संसद में सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 प्रस्तुत कर भारत की आर्थिकी की उज्जवल, सुनहरी तस्वीर दिखलाई। रिपोर्ट के अनुसार सन् 2023-24 में जीडीपी कोविड से पहले के 2019-20 के स्तर से 20 प्रतिशत अब ज्यादा है। अर्थव्यवस्था में अधिक नौकरियां बनवाने के लिए निर्यात बढ़ाना होगा और इसके लिए चीन से अधिकाधिक सीधे निवेश (एफडीआई) को समर्थन है।  विकास दर 6.5 से 7.0 प्रतिशत रहेगी। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) की 8.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में कम है। साथ ही यह चालू वित्त वर्ष के लिए...

  • आर्थिक सर्वेक्षण: चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.5-7% की दर से बढ़ेगी

    संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई को संसद के दोनों सदनों में भारत का आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24, सांख्यिकीय परिशिष्ट के साथ पेश किया। वह 23 जुलाई को लोकसभा में 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। एनडीए के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद से यह मोदी सरकार का पहला बजट है। 2024 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई को पेश किया जाएगा। 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्ष के दौरान सरकार के वित्तीय...

  • संसद का मानसून सत्र आज से शुरू: विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दे!

    संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है, जिसमें 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा। सत्र 12 अगस्त तक 19 बैठकों तक चलेगा, जिसके दौरान सरकार छह विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिसमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने के लिए एक विधेयक और वर्तमान में केंद्र के अधीन जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसदीय अनुमोदन प्राप्त करना शामिल है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। नीट पेपर लीक और रेलवे सुरक्षा पर विपक्ष की चुनौती संयुक्त विपक्ष नीट पेपर लीक मामले और रेलवे सुरक्षा...

  • आर्थिक से ज्यादा राजनीतिक

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • बिहार जातीय गणना का आर्थिक सर्वे विधानसभा में पेश

    Bihar Caste Census :- बिहार में हाल में ही हुई जातीय गणना की रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा में पेश की गई। इस दौरान आर्थिक सर्वे भी सदन के पटल पर रखा गया। सदन में पेश रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सामान्य जाति में जहां 25.09 प्रतिशत लोग गरीब हैं, वहीं अनुसूचित जाति में 42.93 प्रतिशत लोग गरीब हैं। आंकड़ों के मुताबिक, सामान्य जाति के कुल 43.28 लाख परिवारों में 10.85 लाख परिवार यानी 25.09 प्रतिशत गरीब हैं। इसी तरह पिछड़ा वर्ग में 33.16 प्रतिशत, अति पिछड़ा में 33.58 प्रतिशत, अनुसूचित जाति में सबसे अधिक 42.93 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति में 42.70...

  • बिहार में घटते भूजल स्तर से हरकत में सरकार

    पटना। बिहार के कुछ जिलों में पिछले दो वर्षों में भूजल स्तर में गिरावट और इसकी गुणवत्ता में कमी राज्य के अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। राज्य के नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में यह जानकारी दी गई है। राज्य भर में मानसून पूर्व भूजल स्तर के आकलन से पता चला है कि औरंगाबाद, सारण, सीवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार जैसे जिलों में पिछले दो वर्षों में भूजल स्तर में गिरावट देखी गई है। इस बारे में पूछे जाने पर बिहार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (Bihar Public...

  • 22 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ

    नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा मंगलवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण में सामाजिक क्षेत्र में सरकारी खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। 4 जनवरी, 2023 तक आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत लगभग 22 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन किया जा चुका है। देश में 1.54 लाख से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र भी संचालित किए जा रहे हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र (Health Sector) पर केंद्र और राज्य सरकार का बजटीय व्यय वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद का 2.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 22 में 2.2 प्रतिशत...

  • कृषि क्षेत्र में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि

    नई दिल्ली। देश के कृषि क्षेत्र (agriculture sector) में छह वर्षों में 4.6 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर के साथ वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा मंगलवार को संसद (Parliament) में पेश आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) 2022-23 में कहा गया है कि इसने कृषि और संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र को देश के समग्र विकास व खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाया है। इसके अलावा हाल के वर्षों में देश कृषि उत्पादों के निर्यातक के रूप में उभरा है। इसका निर्यात 2021-22 में 50.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड को...

  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि से मनरेगा में कमी

    नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme) (मनरेगा-MGNREGA) कार्य की मासिक मांग में मजबूत कृषि विकास (agricultural growth) के कारण साल-दर-साल गिरावट आ रही है। 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में कोविड-19 (COVID-19) से वापसी की बात कही गई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में श्रम बाजार पूर्व-कोविड स्तरों से आगे निकल गए हैं, जैसा कि आपूर्ति पक्ष और मांग पक्ष के रोजगार डेटा में देखा गया है। त्रैमासिक शहरी रोजगार डेटा पूर्व-महामारी के स्तर से परे प्रगति दिखाता है, क्योंकि जुलाई-सितंबर 2019...

  • 2022 में 10,457 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण

    नई दिल्ली। नेशनल हाईवे (National Highway) (एनएच-NH) और सड़कों (roads) के निर्माण में समय के साथ वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 22 में 10,457 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2016 में 6,061 किलोमीटर का सड़क निर्माण हुआ था। मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, वित्त वर्ष 2023 में (अक्टूबर 2022 तक), कुल 4,060 किलोमीटर एनएच और सड़कों का निर्माण किया गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में उपलब्धि का लगभग 91 प्रतिशत था। इस क्षेत्र में निवेश के लिए कुल बजटीय समर्थन पिछले चार वर्षों में तेजी से बढ़ रहा है और वित्त...

  • घरेलू मांग और पूंजी निवेश विकास में मददगार

    नई दिल्ली। 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में 2023-24 के आगामी वित्त वर्ष के लिए दृष्टिकोण पर विचार करते हुए कहा गया है कि महामारी से भारत की रिकवरी अपेक्षाकृत तेज थी और नए वित्तीय वर्ष में वृद्धि को ठोस घरेलू मांग और पूंजी निवेश (investment) में तेजी से समर्थन मिलेगा। इसने आगे कहा कि स्वस्थ वित्तीय सहायता से, एक नए निजी क्षेत्र के पूंजी निर्माण चक्र के शुरुआती संकेत दिखाई दे रहे हैं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पूंजीगत व्यय में निजी क्षेत्र की सावधानी की भरपाई करते हुए, सरकार ने पूंजीगत व्यय में काफी...

  • जिंस कीमतें अधिक होने से बढ़ सकता है चालू खाते का घाटा

    नई दिल्ली। संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2022-23 में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतें (commodity prices) बढ़ने से चालू खाते का घाटा (कैड) और बढ़ सकता है। लिहाजा इस पर करीबी नजर रखने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) के आंकड़ों के मुताबिक, देश का चालू खाते का घाटा सितंबर, 2022 की तिमाही में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी-GDP) का 4.4 प्रतिशत हो गया। यह अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया, काफी हद तक घरेलू मांग बढ़ने और कुछ...

  • मुद्रास्फीति का 6.8 प्रतिशत का अनुमान इतना ऊंचा नहीं कि निजी उपभोग को रोके

    नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में मुद्रास्फीति (inflation) के 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। संसद (Parliament) में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) में कहा गया है कि 6.8 प्रतिशत की महंगाई दर का अनुमान इतना ज्यादा नहीं है कि निजी उपभोग को रोक सके न ही यह इतना कम है कि निवेश में कमी आए। समीक्षा में कहा गया, हालांकि लंबे समय तक खिंचने वाली महंगाई सख्ती के चक्र को लंबा कर सकती है। ऐसे में ऋण की लागत लंबे समय तक ऊंची रह सकती है।...

  • अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटकर 6.5 प्रतिशत पर

    नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आर्थिक समीक्षा 2022-23 (Economic Survey 2022-23 ) में मंगलवार को यह अनुमान जताया गया। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। पिछले साल यह 8.7 प्रतिशत थी। दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह भारत को भी यूरोप में लंबे समय से चल रहे युद्ध से वित्तीय चुनौतियां का सामना करना पड़ा...

और लोड करें