Economic Survey

  • खुशनुमा सुर्खियों के नीचे

    आर्थिक सर्वेक्षण (2023-24) रिपोर्ट में दिए गए विवरण आम जन की बढ़ती मुसीबतों से मुलाकात करा देते हैं। वहां मौजूद आंकड़े बताते हैं कि अगर पैमाना पूरे समाज की खुशहाली हो, तो वर्तमान सरकार की आर्थिक नीतियां विफल हैं। आर्थिक सर्वेक्षण (2023-24) की सुर्खियां कुछ चुनौतियों के साथ मोटे तौर पर अर्थव्यवस्था की हरी-भरी तस्वीर दिखाती हैं, लेकिन उसमें दिए गए विवरण बढ़ती मुसीबतों से मुलाकात करा देते हैं। वहां मौजूद आंकड़े बताते हैं कि अगर पैमाना पूरे समाज की खुशहाली हो, तो सरकार की आर्थिक नीतियां विफल हैं। बताया गया है कि बीते वित्त वर्ष खाद्य महंगाई की दर...

  • आर्थिकी में सब अच्छा!

    नई दिल्ली। संसद में सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 प्रस्तुत कर भारत की आर्थिकी की उज्जवल, सुनहरी तस्वीर दिखलाई। रिपोर्ट के अनुसार सन् 2023-24 में जीडीपी कोविड से पहले के 2019-20 के स्तर से 20 प्रतिशत अब ज्यादा है। अर्थव्यवस्था में अधिक नौकरियां बनवाने के लिए निर्यात बढ़ाना होगा और इसके लिए चीन से अधिकाधिक सीधे निवेश (एफडीआई) को समर्थन है।  विकास दर 6.5 से 7.0 प्रतिशत रहेगी। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) की 8.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में कम है। साथ ही यह चालू वित्त वर्ष के लिए...

  • आर्थिक सर्वेक्षण: चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.5-7% की दर से बढ़ेगी

    संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई को संसद के दोनों सदनों में भारत का आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24, सांख्यिकीय परिशिष्ट के साथ पेश किया। वह 23 जुलाई को लोकसभा में 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। एनडीए के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद से यह मोदी सरकार का पहला बजट है। 2024 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई को पेश किया जाएगा। 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्ष के दौरान सरकार के वित्तीय...

  • संसद का मानसून सत्र आज से शुरू: विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दे!

    संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है, जिसमें 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा। सत्र 12 अगस्त तक 19 बैठकों तक चलेगा, जिसके दौरान सरकार छह विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिसमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने के लिए एक विधेयक और वर्तमान में केंद्र के अधीन जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसदीय अनुमोदन प्राप्त करना शामिल है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। नीट पेपर लीक और रेलवे सुरक्षा पर विपक्ष की चुनौती संयुक्त विपक्ष नीट पेपर लीक मामले और रेलवे सुरक्षा...

  • आर्थिक से ज्यादा राजनीतिक

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • बिहार जातीय गणना का आर्थिक सर्वे विधानसभा में पेश

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • बिहार में घटते भूजल स्तर से हरकत में सरकार

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • 22 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • कृषि क्षेत्र में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि से मनरेगा में कमी

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • 2022 में 10,457 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • घरेलू मांग और पूंजी निवेश विकास में मददगार

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • जिंस कीमतें अधिक होने से बढ़ सकता है चालू खाते का घाटा

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • मुद्रास्फीति का 6.8 प्रतिशत का अनुमान इतना ऊंचा नहीं कि निजी उपभोग को रोके

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

  • अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटकर 6.5 प्रतिशत पर

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...

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