जो पैरों से वोट दे रहे हैं
हर देश के लोगों में गुण-अवगुण, सहयोग-स्वार्थ, आदि मानवीय प्रवृतियाँ कमोबेश समान हैं। अंतर उस व्यवस्था में है जो विचारशीलता या विचारहीनता को बढ़ाती है। अमेरिका यूरोप में भी गरीब लोग हैं। (election 2025) पर कोई गरीब यूरोपीय अपनी किस्मत आजमाने भारत नहीं आता। जबकि संपन्न भारतीय भी पश्चिम का रुख करते हैं। यह वस्तुत: अंग्रेजी-राज को बेहतर मानना ही है।... भारत गरीब देश नहीं है। पर राजनीतिक निकम्मेपन, वैध लूटपाट, और स्तरहीनता से बेहाल है। यहाँ का नेतृत्व आजीवन गद्दी पकड़े रहने की लालसा से ग्रस्त रहा है। दिनों-दिन भारतीय हिन्दुओं की बौद्धिक, सामाजिक, और प्रशासनिक क्षमता घट रही...