Emmanuel Macron

  • फ्रांस में चक्रवात चिडो ने बरपाया कहर

    पेरिस। फ्रांस के मायोट में आए विनाशकारी तूफान चिडो (Cyclone Chido) से मची तबाही पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया। साथ ही उन्होंने हरसंभव मदद की पेशकश की। पीएम मोदी की संवेदनाओं का सम्मान करते हुए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आभार व्यक्त किया। चिडो एक विनाशकारी तूफान था, जिसने शनिवार को फ्रांसीसी द्वीपसमूह मायोट में तबाही मचाई थी। फ्रांस के अनुसार, चक्रवात चिडो 90 से अधिक वर्षों में मायोट में आने वाला सबसे शक्तिशाली तूफान था। प्रलयकारी हवाओं ने पूरे पड़ोस को तहस-नहस कर दिया, बिजली के ग्रिड को नष्ट कर दिया और अस्पतालों, स्कूलों और हवाई...

  • फ्रांसीसी चुनाव: ‘लेफ्ट’-‘लिबरल’ का सच

    ‘लेफ्ट-लिबरल’ कितना विरोधाभासी है, उसका जीवंत उदाहरण फ्रांस के हालिया संसदीय चुनाव में देखने को मिल जाता है। जब पहले चरण के चुनाव में दक्षिणपंथी ‘नेशनल रैली’ गठबंधन ने वामपंथी दलों के ऊपर निर्णायक बढ़त बनाई और उसकी प्रचंड जीत की संभावना बनने लगी, तब इसी ‘लेफ्ट-लिबरल’ गिरोह के चेहरे से ‘लिबरल’ मुखौटा एकाएक उतर गया। वास्तव में, ‘लेफ्ट-लिबरल’ संज्ञा किसी फरेब से कम नहीं। यह दो अलग शब्दों को मिलाकर बना है, जिनका रिश्ता पानी-तेल के मिलन जैसा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि जहां वामपंथ होता है, वहां उसके वैचारिक चरित्र के मुताबिक हिंसा, असहमति का दमन, मानवाधिकारों का हनन...

  • फ्रांस में गठबंधन का नया दौर

    केवल एक हफ्ते में फ्रांस में जनमत का पेंडुलम अति दक्षिणपंथ से वामपंथ की ओर खिसक गया है। यह बदलाव चौंकाने वाला और अनापेक्षित है। संसदीय चुनाव का अंतिम दौर रविवार को खत्म हुआ और ऐसा लगता है कि जोनिक मिनोशों के वर्चस्व वाला वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट यानी एनएफपी संसद में सबसे बड़ा गठबंधन बनने की ओर बढ़ रहा है। फ्रांस, यूरोप और सारा विश्व, जनता के मूड में आए इस अचानक बदलाव से चकित है। पिछले हफ्ते तक यह तय माना जा रहा था कि मरिन ले पेन सत्ता हासिल कर लेंगीं। जनमत संग्रहों से ऐसा अनुमान लगाया...

  • मैक्रों की नैया डगमगाई

    पहले चरण के मतदान में धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली के नेतृत्व वाला गठबंधन सबसे आगे रहा। दूसरे नंबर पर वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट रहा, जिसे 28 फीसदी वोट मिले। राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व वाले गठबंधन को 21 प्रतिशत से भी कम वोट मिले। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का संसदीय मध्यावधि चुनाव कराने का दांव उलटा पड़ा है। मैक्रों को आशा थी कि पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भी वे धुर दक्षिणपंथ का भय दिखा कर मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने में सफल रहेंगे। मगर इस बार दांव कामयाब नहीं हुआ। नई संसद चुनने के लिए...

  • फ्रांस में भी लिबरल आउट?

    फ्रांस 'विकल्प' के तलाश में दक्षिणपंथी लोक-लुभावनवाद के चंगुल में फंसने की कगार पर है।  तीन हफ्ते पहले इमैनुएल मैक्रों ने संसद भंग कर मध्यावधि चुनाव का जुंआ खेला था। वजह यूरोपीय संघ के चुनाव में उनकी नेशनल रैली (आरएन) पार्टी की बुरी हार थी। उन्होंने चुनाव के कदम को यह कहते हुए सही ठहराया कि इससे मतदाताओं को "अपनी पसंद जाहिर करने का मौका' मिलेगा। लोग साफ़ कर सकेंगे कि वे मरीन लु पेन की आरएन पार्टी के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर देश पर आखिर किसका राज चाहते हैं?  मैक्रों का यह भी तर्क था कि 2022 में नेशनल असेम्बली...

  • इजराइल पहुंच कर मैक्रों ने जताया समर्थन

    तेल अवीव। इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मंगलवार को इजरायल पहुंचे। इजरायल के प्रति एकजुटता जताने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों तेल अवीव पहुंचे। इजराइल पहुंचने के बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा है कि हमास को हराने के लिए इंटरनेशनल अलायंस बनाने की जरूरत है। उन्होंने हमास के खिलाफ सबके मिल कर लड़ने की जरूरत बताई। मैक्रों ने कहा- जो देश आईएसआईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं उन्हें हमास से भी लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई...

  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन इजराइल पहुंचे

    Emmanuel Macron :- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन मंगलवार को तेल अवीव पहुंचे। वह 7 अक्टूबर के हमास हमले के बाद से युद्धग्रस्त देश का दौरा करने वाले विश्व नेताओं की सूची में शामिल हो गए। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, एलिसी पैलेस के एक सूत्र के अनुसार, राष्ट्रपति ने एकजुटता व्यक्त करने और दो-राज्य समाधान पर चर्चा करने की योजना बनाई है। मैक्रॉन के इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, राष्ट्रपति इस्साक हर्ज़ोग और विपक्षी नेता येर लैपिड से मिलने की उम्मीद है। हमले के बाद से इज़राइल का दौरा करने वाले अन्य विश्व नेता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जर्मन...

  • जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों

    G-20 Summit :- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस सप्ताह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली की यात्रा करेंगे। बयान में कहा गया जी20 शिखर सम्मेलन फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष को हर महाद्वीप के अपने समकक्षों के साथ चल रही बातचीत जारी रखने में सक्षम बनाएगा, ताकि दुनिया के विखंडन के जोखिमों का मुकाबला किया जा सके। उन्‍होंने कहा यह प्रमुख वैश्विक चुनौतियों के लिए संयुक्त प्रतिक्रियाओं को लागू करने में प्रगति करने का भी एक अवसर होगा,...

  • फ्रांस यात्रा की यादों को हमेशा संजोकर रखूंगा: मोदी

    PM Modi France visit:- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत और फ्रांस के बीच संबंध समय से परे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश (फ्रांस) की अपनी यात्रा को हमेशा याद रखेंगे। ट्विटर पर एक वीडियो के साथ जारी संदेश में मैक्रों ने लिखा था, भारत के लोगों के लिए, विश्वास और दोस्ती। मोदी ने कहा, भारत और फ्रांस एक ऐसा बंधन जो समय से परे है, हमारे साझा मूल्यों में गूंजता है और हमारे सामूहिक सपनों को पूरा करता है। मैं फ्रांस की अपनी...

  • प्रधानमंत्री मोदी को फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान

    PM Modi France visit :- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से नवाजा है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी को बृहस्पतिवार को ‘एलिसी पैलेस’ (फ्रांस का राष्ट्रपति आवास) में देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया। इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय (तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स), जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बुतरस बुतरस-घाली को फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका है। प्रधानमंत्री मोदी...

  • फ्रांसः मैक्रों जीते पर लोकतंत्र हारा!

    फ्रांस में जनता हारी, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जीते। जबरदस्त क्रोध, प्रतिरोध और विरोध के बावजूद फ्रांस में पेंशन सुधारों को कानूनी जामा मिल गया।14 अप्रैल को फ्रांस के सर्वोच्च संवैधानिक न्यायालय ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के 62 से बढ़ाकर 64 वर्ष पर पैंशन देने के अलोकप्रिय प्रस्ताव पर ठप्पा लगाया। निसंदेह यह राष्ट्रपति की जीत है परन्तु वे इसका जश्न नहीं मना सकते हैं।फ्रांस में न तो विरोध प्रदर्शन बंद होंगे और ना ही घरेलू राजनैतिक संकट समाप्त होगा। धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली की मुखिया मरीन ल पेन ने कहा है कि 'क्रूर एवं अनुचित सुधारों' को कानून का रूप...

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