ये ‘फरार’ इश्क : ऐसी मोहब्बत पर सिर पीट लेंगे, बेटी के ससुर से प्यार तो समधन फरार
अपने दौर के मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने कभी लिखा था, 'इश्क ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के। बॉलीवुड ने भी इसे खूब भुनाया और 'निकम्मा किया इस दिल ने' पर युवाओं को थिरकने के लिए मजबूर कर दिया। कहने का मतलब है कि दौर बदलते रहे और मोहब्बत का मुकाम भी बदलता चला गया। कितना खूबसूरत अहसास होती है मोहब्बत, जिसे चाहो, उसे चुपके-चुपके याद करो और मुस्कुराते रहो। आज के दौर में मोहब्बत 'लाल इश्क' से आगे बढ़कर 'फरार इश्क' हो चुकी है। मतलब, मोहब्बत के नाम पर तमाम ऐसी घटनाएं सामने...