gudamba

  • संवाद और संवाद अदायगी का सम्मोहन

    भोपाल। मंच पर रोशनी होती है और नाटक की नायिका प्रवेश लेती है। प्रवेश लेते ही वह दर्शकों से एकालाप करने लगती है। लगभग डे़ढ़ घंटे तक न रोशनी बंद होती है और न नायिका का एक्जिट होता है। एक ही कास्ट्यूम में वह अपनी कहानी धाराप्रवाह सुनाती रहती है। 'गुडम्बा’ नामक इस एक पात्रीय नाटक में नायिका लुबना सलीम ने अभिनय का हर अध्याय को बेहद कुशलता के साथ प्रस्तुत कर दिया। salim arif gudamba मध्यमवर्गीय परिवार की 18 साल की लड़की से 42 साल की उम्र में सास बनने के बाद तक के जीवन के हर पहलू को...