श्रीवर्धन के रंगकर्म की ‘सनसनी’
भोपाल। दो एक साल पहले की बात है। एक दिन दोपहर को फोन आया ”सर मैं श्रीवर्धन त्रिवेदी बोल रहा हूँ, सनसनी वाला। मैं भोपाल आ...
भोपाल। दो एक साल पहले की बात है। एक दिन दोपहर को फोन आया ”सर मैं श्रीवर्धन त्रिवेदी बोल रहा हूँ, सनसनी वाला। मैं भोपाल आ...
भोपाल। सचिन का फोन आया कि उनके नये नाटक का मंचन है और आपको आना है। अन्य व्यस्तताओं के कारण मेरा जाना सं...
भोपाल। जीवन में मैं से हम हो जाने का अपना आनंद होता है और कौन दंपत्ति जीवन का यह आनंद नहीं चाहता लेकिन यह भी सच्चाई है क...
भोपाल। मंच पर रोशनी होती है और नाटक की नायिका प्रवेश लेती है। प्रवेश लेते ही वह दर्शकों से एकालाप करने लगती है। लगभग डे़...
भोपाल। नाटक खत्म होते ही दर्शकाें के तालियों की गड़गड़हट थमने का नाम नहीं ले रही थी। पूरा अडिटोरियम खचाखच भरा हुआ था। इस न...
भोपाल। “अक्सर खबरों में पढ़ता, सुनता रहता हूँ कि आप लोग पाकिस्तान से आतंकवादियों को सौंपने की मांग करते हैं। बदले में पाक...
भोपाल। स्कूल के दालान में चारों तरफ सैकड़ों स्कूली बच्चे बैठे हैं और बीचों बीच एक साधारण कुर्सी रखी हुई है। दैनंदिन पहनने...
भोपाल। किसी भी रंग निदेशक के लिये वह दिन बेहद गर्व और रोमांच का दिन होता है जब किसी नाट्य समारोह में उस...
भोपाल। भोपाल के रंगमंच में बरसों बाद या कहूं पहली बार किसी निजी नाट्य संस्था द्वारा पेशेवर अंदाज में नाटक की प्रस्तुति क...
भोपाल। विश्व के महान रंग निर्देशक, अभिनेता, नाटककार हबीब तनवीर साहब की जन्म शताब्दी के अवसर पर इंदिरा क...