Hindi Marathi Row

  • हिंदी का विरोध अब व्यर्थ है

    कंधार से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से लेकर कामरूप तक— अधिकांश स्थानों पर हिंदी किसी न किसी रूप में विद्यमान है और संपर्क भाषा का काम करती है। इसका बहुत बड़ा श्रेय हिंदी फिल्मों को जाता है, जिसका केंद्र महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई है। हिंदी सहित सभी भाषाएं समाज को जोड़ती है। परंतु कुछ स्वार्थी, संकीर्ण और औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त राजनीतिज्ञ— भाषा का उपयोग समाज को बांटने और घृणा फैलाने के लिए करते है। यह एक विचित्र पहेली है कि हिंदी पढ़ने से स्वयं की पहचान खतरे में पड़ जाती है, लेकिन अंग्रेजी का अध्ययन करते समय ऐसी कोई...