Hindu-Muslim
भोपाल | जोर-जबरदस्ती से धर्म परिवर्तन कराने और धोखा देकर विवाह रचाने की वारदात पर रोक लगाने के लिए मध्य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 लागू किया गया है। गौरतलब है कि राज्य में बीते साल धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू किए जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में पारित किया गया था। विधानसभा में भी इस अधिनियम को पारित किया गया था। भाजपा की सत्ता में हुई वापसी के बाद इसकी चर्चा जोरों पर थी। विधानसभा द्वारा पारित अधिनियम राज्यपाल की अनुमति के बाद मध्यप्रदेश के राजपत्र में 27 मार्च 2021 को इस कानून को प्रकाशित कर दिया गया है। मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत अब एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन दंडनीय अपराध माना गया है। इसी तरह धर्म परिवर्तन करने के आशय के साथ किया गया विवाह भी अकृत तथा शून्य माना जाएगा। इस संबंध में संपरिवर्तित व्यक्ति खुद के साथ उसके माता—पिता अथवा सहोदर भाई—बहन न्यायालय की अनुमति से याचिका लगा सकेंगे। धर्म परिवर्तन में व्यक्ति ही नहीं बल्कि कोई संस्था या संगठन इस अधिनियम के किसी उपबंध का उल्लंघन करता है, उसे भी सजा होगी। इस अधिनियम के अधीन मामलों की जांच उप निरीक्षक स्तर व उससे उच्च अफसर ही कर सकेंगे। Must Read :… Continue reading मध्यप्रदेश में धर्म परिवर्तन बना दंडनीय अपराध, जबरिया शादी और धर्म बदलने पर रोक के लिए आया यह कानून
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में आयोजित रैली में कहा कि इस कानून को हिन्दू-मुस्लिम से नहीं बल्कि इंसानियत के नजरिए से देखा जाना चाहिये।
नए दशक की शुरुआत आजाद भारत के इतिहास के किसी भी कालखंड के मुकाबले ज्यादा धार्मिक विभाजन के साथ शुरू हुआ है। पूरा देश इस समय नागरिकता कानून के समर्थन या विरोध में बंटा हुआ है। सरकार प्रायोजित इस बंटवारे का मकसद स्थायी ध्रुवीकरण कराना है, ताकि सत्ता स्थायी बनाई जा सके।