बिना जीवनी जाने कैसे ‘आई लव मुहम्मद’?
अधिकांश मुसलमान भी मुहम्मद को पूरा नहीं जानते। ...जब उन्हें सब के लिए हर विषय में अनुकरणीय बताया तो उन के जीवन की पूरी जानकारी लेना लाजिम हो जाता है। वरना अनुकरण कैसे होगा?...विचारशील मुसलमान भी समझते हैं कि ऐसे प्रोफेट को पूरी मानवता के लिए 'अनुकरणीय' बताना बेढब है! इसीलिए मुस्लिम नेता और उलेमा मुहम्मद की चर्चा से ही बचना चाहते हैं। पर 'आई लव मुहम्मद' ने उस की चर्चा अनिवार्य बना दी। मुहम्मद से मुहब्बत? पहले उन्हें जानें (2) इस्लाम पूरी तरह गैर-मुस्लिमों के प्रति विरोध-भाव पर केंद्रित है। काफिर-विरोध ही इस्लाम की टेक है। पूरी दुनिया को हर हाल में इस्लामी बनाने...