india diplomacy

  • सारी कूटनीति अडानी, अंबानी के लिए

    पिछले 10 साल की नरेंद्र मोदी राज की कूटनीति को बारीकी से देखें तो वह कुल मिला कर क्रोनी कैपिटलिज्म को प्रमोट करने वाली रही है। सारी कूटनीति का कुल जमा मकसद अडानी और अंबानी को फायदा पहुंचाना है। प्रधानमंत्री के दौरे और आर्थिक मामलों में होने वाले सभी समझौतों में कहीं न कहीं इन दो कारोबारी समूहों का फायदा जरूर दिखा है। ऑस्ट्रेलिया से लेकर रूस और श्रीलंका से लेकर म्यांमार तक अनेक देशों में इन कारोबारी समूहों के फायदे वाले समझौते है। सबसे कमाल की बात श्रीलंका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही थी।  उसकने साफ शब्दों में...

  • छोटे देशों में भी कूटनीति कारगर नहीं!

    बांग्लादेश से पहले नेपाल में राजनीतिक जोड़ तोड़ के जरिए सत्ता बदली। अचानक भारत विरोधी व चीन समर्थक केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री बन गए और भारत कुछ नहीं कर सका। नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के नेता पुष्प कमल दहल मुख्यमंत्री थे। उनकी सरकार केपी शर्मा ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से बनी थी। चीन समर्थक ओली ने पिछले दिनों समर्थन वापस ले लिया, जिससे प्रचंड की सरकार गिर गई और फिर ओली ने नेपाली कांग्रेस पार्टी से तालमेल करके सरकार बना ली। वे चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। चीन लगातार नेपाल की अंदरूनी...