India Employment Report 2024

  • बिगड़ती हालत की तस्वीर

    एनएसएसओ की गैर कंपनी यानी अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार की स्थिति के बारे में सर्वे रिपोर्ट आई है। उस रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 से 2022-23 के बीच इस क्षेत्र में 13 राज्यों में रोजगार प्राप्त मजदूरों की संख्या गिरी। भारत के रोजगार की हालत खराब है, लेकिन यह बदहाली सिर्फ औपचारिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। अनौपचारिक क्षेत्र में हालत बदतर है। चूंकि यह तथ्य नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के सर्वेक्षण से सामने आया है और इसलिए सरकार इससे इनकार नहीं कर सकती। जैसाकि भारत सरकार ने सिटीग्रुप रिसर्च की एक अध्ययन रिपोर्ट के मामले में किया है।...

  • साफगोई के लिए शुक्रिया!

    फिर भी नागेश्वरन से लोग यह सवाल जरूर पूछेंगे कि जिस सरकार के वे आर्थिक सलाहकार हैं, उसके मुखिया ने 2014 के अपने चुनाव अभियान में हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा क्यों किया था? भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की ये टिप्पणी गौरतलब है कि सरकार से बेरोजगारी की समस्या के हल की अपेक्षा करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा- ‘यह सोचना गलत है कि सरकार के हस्तक्षेप से हर सामाजिक- आर्थिक समस्या का हल ढूंढा जा सकता है।’ नागेश्वरन की टिप्पणी का मतलब बहुत साफ है। बेरोजगारी की समस्या इतना विकराल रूप...

  • रोजगार की गंभीर सूरत

    रिपोर्ट साल 2000 से 2022 तक के रोजगार ट्रेंड की कहानी बताती है। ये वह काल है, जिसमें भाजपा के पास 12 साल और कांग्रेस 10 साल सत्ता में रही। इसलिए यह कहानी दलगत दायरों से उठकर नीतिगत दायरों में पहुंच जाती है। भारत में रोजगार की स्थिति के बिगड़ते जाने का सिलसिला लंबा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट की ताजा रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है। इसे आधिकारिक आंकड़ों को लेकर तैयार किया गया है। इसलिए सरकार इसके निष्कर्षों का खंडन नहीं कर सकती। यह रिपोर्ट साल 2000 से 2022 तक के...